भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने बुधवार को एक बार फिर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह व गृहमंत्री पी. चिदम्बरम पर हमला किया। सुषमा स्वराज और अरुण जेटली ने 2जी मामले में चिदम्बरम को घेरा। उन्होंने चिदम्बरम को बचाने की कोशिश में लगे हुए प्रधानमंत्री को भी घेरा। लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने कहा कि स्पेक्ट्रम आवंटन को चिदम्बरम का पूरा समर्थन था, इसलिए वे भी राजा के साथ इस गुनाह में पूरे भागीदार हैं।
सुषमा स्वराज ने प्रधानमंत्री से पूछा कि भ्रष्टाचार से लड़ने की आपकी प्रतिबद्धता अब कहां गई। उन्होंने कहा कि सीबीआई भी चिदम्बरम को बचाने में लगी हुई है और इससे हमारे इस मत की पुष्टि होती है कि सीबीआई सरकार के दबाव में काम कर रही है। सुषमा ने सवाल खड़ा किया कि अगर एनडीए सरकार में मंत्री रहे अरुण शौरी और जसवंत सिंह से पूछताछ हुई और उनके बयान दर्ज हुए तो चिदम्बरम से पूछताछ में क्या हर्ज है। साथ ही उन्होंने प्रधानमंत्री के उस बयान को भी बेवजह बताया जिसमें उन्होंने विपक्ष पर सरकार को अस्थिर करने के प्रयास का आरोप लगाया था। अरुण जेटली ने कहा कि इस सरकार के मंत्री आपस में ही लड़ रहे हैं, हमें उन्हें अस्थिर करने के लिए मेहनत करने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार अगर गिरती है तो वह अपने कर्मों की वजह से गिरेगी।
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