भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन की अगुवाई कर रहे सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे को जेड श्रेणी की सुरक्षा मिली है। अन्ना हजारे इस वक्त महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले स्थित अपने गांव रालेगण सिद्धि में हैं। स्थानीय जिला पुलिस हजारे को तत्काल प्रभाव से यह सुरक्षा मुहैया कराएगी। एसपी कृष्ण प्रकाश ने इसकी पुष्टि की है।
एसपी के मुताबिक हजारे यह सुरक्षा नहीं लेना चाहते थे। उनका कहना था कि वो लोगों के कल्याण के लिए काम करते हैं और उन्हें सुरक्षा की कोई जरूरत नहीं है। प्रकाश ने कहा, ‘लेकिन मैंने उनसे कहा कि उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करना पुलिस की ड्यूटी है। इसके बाद उन्होंने हमारी यह पेशकश मंजूर कर ली।’
शुक्रवार को जब अन्ना हजारे अपने गांव में लोगों को संबोधित कर रहे थे उस वक्त सादी वर्दी में दो पुलिसवाले उनके आसपास दिख रहे थे। प्रकाश ने कहा, ‘अन्ना जनलोकपाल आंदोलन की सफलता के बाद देश भर में काफी मशहूर हो गए हैं। इसे ध्यान में रखते हुए हमने उन्हें जेड श्रेणी की सुरक्षा मुहैया कराने का फैसला किया।’ अन्ना की सुरक्षा में आठ जवान, एक कमांडो, चार गार्ड, 2 पीएसओ और एक एस्कॉर्ट गाड़ी लगाए गए हैं। इस बीच स्टेट इंटेलिजेंस टीम ने आज रालेगण सिद्धि का दौरा कर अन्ना हजारे की सुरक्षा का जायदा लिया।
जेड श्रेणी की सुरक्षा के तहत अन्ना के साथ हमेशा 22 पुलिसकर्मियों की तैनाती रहेगी। अन्ना की सुरक्षा का जायजा लेने के लिए प्रकाश रालेगण स्थित पद्मावती मंदिर के विश्रामगृह में ही रुके थे। उन्होंने कहा, 'अन्ना की सुरक्षा हमारी जिम्मेदारी है और हम उन्हें किसी भी तरह के लोगों से सुरक्षित रखना चाहते हैं।' अन्ना हजारे की मांग पर उनकी सुरक्षा में लगे जवानों सादी वर्दी में हैं। वो पुलिस की वर्दी नहीं पहन रहे हैं। 2007 में अन्ना हजारे को सुरक्षा दी गई थी जिसे बाद में हजारे ने वापस कर दिया था। इसी बीच शुक्रवार को हुई ग्रामसभा में सुरक्षा के मद्देनजर बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी मौजूद थे। करीब 50 जवान और एक इंस्पेक्टर पद्मावती मंदिर में बनी अन्ना हजारे की कुटिया की सुरक्षा में लगे थे। अन्ना रालेगण लौटने के बाद से इसी कुटिया में रुके हैं।
अन्ना के वकील मिलिंद पवार ने अन्ना हजारे की सुरक्षा बढ़ाने को लेकर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण और गृहमंत्री आरआर पाटील को पत्र लिखा था। पत्र में कहा गया था कि 12 दिन के अनशन के दौरान अन्ना और उनके सहयोगियों ने अपने भाषण में सरकार व कुछ लोगों के खिलाफ तीखी टिप्पणी की थी। इससे कुछ लोगों में अन्ना के प्रति आक्रोश है और उनकी जान को खतरा है। अप्रैल में भी पवार ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर अन्ना की सुरक्षा बढ़ाने की अपील की थी लेकिन सरकार की ओर से कोई जवाब नहीं मिला। पवार का कहना है कि पूरा देश जानता है कि महात्मा गांधी के साथ क्या हुआ, लिहाजा सरकार की जिम्मेदारी बनती है कि अन्ना को मजबूत सुरक्षा घेरे में रखा जाए।
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