भारतीय सीमाओं पर चीनी सेना की मौजूदगी को लेकर भारतीय सेना की चिंता लगातार बनी हुई है। चीन सीमावर्ती इलाकों में इंफ्रास्टक्चर के नाम पर धीरे धीरे अपने सैनिकों की मौजूदगी बढ़ा रहा है और अपनी सेना के आधुनिकीकरण में जुटा है। लद्दाख के दक्षिण-पूर्व में डेमचोक में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एओएसी) पर चीनी सेना के आधुनिकीकरण की तस्वीर साफ दिखाई देती है।
लेह में मौजूद सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ले. जनरल रवि दस्ताने ने कहा, ‘हम चीन की इस हरकत पर करीब से नजर बनाए हुए हैं। सेना के लिहाज से भी इसकी अहमियत हो सकती है।’ वहीं कर्नल एस के श्योराण कहते हैं, ‘2008 से पहले चीनी सेना डेमचोक से 35 किलोमीटर पीछे थी जबकि अब जोरावर हिल में उनकी एक प्लाटून तैनात कर दी गई है।’
चीन के उलट भारत की ओर से लद्दाख में इंफ्रास्टक्चर नाम की कोई चीज नहीं है। यहां चलने वाली सभी मिलिट्री या सिविल गाडियां धूल और कीचड़ से सने रास्तों पर चलती हैं जैसे रास्तों पर 1962 की जंग के समय चलती थीं। फुक-चे में तैनात भारतीय सेना के कमांडर अनिल चौधरी ने बताया कि यहां जैसी भी सड़के हैं, सेना के वाहनों की आवाजाही के लिए ठीक हैं लेकिन इन्हें अत्याधुनिक बना दिया जाता तो हमारी तैयारियों के लिहाज से फायदेमंद होता।
चीन ने भारत से सटी अपनी सीमा पर कई चौकियां बना रखीं हैं जिनके जरिये वह हमारी सेना पर लगातार नजर रखता है। जोरावर हिल्स के पीछे नई सड़कें बन रही हैं जिससे चीनी सैनिकों पर नजर रखना मुश्किल होता है। हालांकि इनका निर्माण कार्य काफी धीमे है। कई मामलों में पर्यावरण की हरी झंडी मिलने की वजह से सड़क बनाने के काम में देरी होती है।
लेह लद्दाख में एयरफील्ड की कमी के चलते भारतीय सेना को हवाई मदद मिलने में दिक्कत होती है। भारतीय सेना ने भी स्वीकार किया कि फुक-चे में उन्नत किस्म के लैंडिंग ग्राउंड बनाए जाएंगे इसके बाद उत्तरी इलाके में स्थित चुशुल में इन पर काम होगा जो एलओएसी के काफी करीब हैं। वायु सेना भी न्योमा एयरफील्ड को ऑपरेशनल बनाने की कोशिश कर रहा है हालांकि इसे पूरा होने में अभी वक्त लगेगा।
भारतीय सेना नहीं चाहती कि चीन से किसी तरह का टकराव हो लेकिन डेमचोक पर चीन की ओर किए जा रहे निर्माण कार्य और वहां की गतिविधियां चिंताजनक हैं। पाकिस्तान से लगातार बढ़ रही चीन की करीबी का मुद्दा अमेरिका में उठा है। अमेरिकी कांग्रेस की एक रिपोर्ट में इसका सिलसिलेवार ब्यौरा दिया गया है.
क्या भारत को भी चीन से सटी सीमा के पास सैनिक तैनात करने चाहिए? क्या चीन भारत को उकसाना चाहता है? चीन की रणनीति का ठोस जवाब क्या हो सकता है? इन मुद्दों पर अपनी राय जाहिर करें।
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