कई बार अपने बयानों के कारण विवादों में रहने वाले कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने एक बार फिर अन्ना हज़ारे और बाबा रामदेव के राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से रिश्तों की बात कही है.
दिग्विजय सिंह ने कहा है कि अन्ना हज़ारे और रामदेव का भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन आरएसएस-भाजपा की योजना थी ताकि लोगों का ध्यान 'चरमपंथी घटनाओं' से संघ के संबंध से हट जाए.
दिग्विजय सिंह ने चेतावनी दी कि अन्ना हज़ारे और बाबा रामदेव के बाद श्री श्री रविशंकर भी इस्तेमाल किए जा सकते हैं. हालाँकि आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर का कहना है कि दिग्विजय सिंह अपने विचार व्यक्त करने के लिए स्वतंत्र हैं. भारतीय जनता पार्टी ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है. पार्टी प्रवक्ता रविशंकर प्रसाद ने व्यंग्य में कहा कि भाजपा को दिग्विजय सिंह का धन्यवाद देना चाहिए क्योंकि वे अपनी पार्टी का पतन सुनिश्चित कर रहे हैं.
दिग्विजय सिंह ने ट्विटर पर लिखा कि श्री श्री रविशंकर संघ-भाजपा के प्लान सी हैं. उनका प्लान ए बाबा रामदेव थे, जो नहीं चल पाया. प्लान बी अन्ना हज़ारे हैं, जिन पर सवालिया निशान लगाया है और श्री श्री रविशंकर को प्लान सी कहा. दिग्विजय सिंह ने आगे लिखा है, "मैं श्री श्री रविशंकर का बहुत सम्मान करता हूँ. मैंने वर्ष 2001 में मध्य प्रदेश का मुख्यमंत्री रहते आर्ट ऑफ़ लिविंग का कोर्स किया है. रविशंकर को संघ-भाजपा से चिंतित होना चाहिए." इस पर अपनी प्रतिक्रिया में श्री श्री रविशंकर ने कहा, "लोग इतना कुछ लिखते रहते हैं. मैं हर टिप्पणी पर प्रतिक्रिया नहीं देता. हर व्यक्ति अपने विचारों के लिए स्वतंत्र है."
दिग्विजय सिंह ने आरोप लगाया कि ये पूरा अभियान भाजपा-संघ की कोशिश की, जिसके लोगों का ध्यान मालेगाँव, अजमेर शरीफ़, समझौता एक्सप्रेस, हैदराबाद में चरमपंथी गतिविधियों में संघ के शामिल होने के मुद्दे से भ्रष्टाचार पर चला जाए. उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ कई क़दम उठाए हैं, जिनमें सूचना का अधिकार भी शामिल है. लेकिन इस मामले में भाजपा का रिकॉर्ड बहुत ख़राब रहा है.
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