भारत अफगान के सेना की मदद करेगा. - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शनिवार, 29 अक्तूबर 2011

भारत अफगान के सेना की मदद करेगा.


अफगानिस्तान में पुनर्निर्माण कार्यों में भारत की रचनात्मक भूमिका की सराहना करते हुए पेंटागन ने अमेरिकी कांग्रेस से कहा है कि भारत ने अफगान राष्ट्रीय सुरक्षा बल (एएनएसएफ) की क्षमताओं में मजबूती लाने की इच्छा जाहिर की है। 

अफगानिस्तान पर छह महीने की प्रगति रिपोर्ट में पेंटागन ने कहा है, पुनर्निर्माण परियोजना के जरिए भारत ने एएनएसएफ की क्षमताओं को बढ़ाने में मदद के प्रति अपना रुझान दिखाया है। इसने कहा कि जून 2011 में भारत यात्रा के दौरान अफगान रक्षा मंत्री वरदाक और भारतीय रक्षा मंत्री एके एंटनी ने एएनएसएफ जवानों को प्रशिक्षित करने के लिए सहयोग बढ़ाने पर चर्चा की।
रिपोर्ट में कहा गया है कि अब तक भारत की सुरक्षा सहायता काफी सीमित रही है। वर्तमान में भारत एएनएसएफ जवानों को भारत में प्रशिक्षण के लिए छात्रवृत्ति प्रदान करता है और भारत अफगान महिला पुलिसकर्मियों को भी अपने यहां प्रशिक्षण देने की संभावना तलाश रहा है। भारत का अफगान महिला पुलिस कर्मियों को प्रशिक्षित 

पेंटागन ने कहा है कि वर्ष 2005 में सत्ता संभालने के बाद से पहली बार प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की मई 2011 की काबुल यात्रा के दौरान विकास और राजनयिक प्रतिबद्धताओं को मजबूत करने पर जोर दिया गया। सिंह ने अफगान संसद के एक संयुक्त सत्र में युद्ध की विभीषिका झेल रहे इस देश को आर्थिक सहायता प्रदान करने का भी ऐलान किया था। मनमोहन सिंह ने अपने दौरे के दौरान 50 करोड़ डॉलर अतिरिक्त सहायता का ऐलान किया था। इस रकम को मुख्य तौर पर विकास परियोजनाओं में खर्च किया जाएगा। भारत ने कुल मिलाकर दो अरब डॉलर की सहायता का वायदा किया है।

रिपोर्ट के मुताबिक, अक्टूबर 2011 में प्रधानमंत्री सिंह और राष्ट्रपति करजई ने एक रणनीतिक सहयोग करार पर भी दस्तखत किए, जिसके तहत प्रशासन, अर्थव्यवस्था, वाणिज्य, शिक्षा, लोक प्रशासन और सुरक्षा, कानून प्रवर्तन सहयोग शामिल हैं। विद्युत उत्पादन, संचार और सड़क निर्माण जैसी प्रमुख आधारभूत संरचनाओं पर भी भारत की सहायता जारी रहेगी। रिपोर्ट में कहा गया है, काबुल में लगातार बिजली आपूर्ति में भारत की बहुत महती भूमिका है और हेरात प्रांत में सल्मा पनबिजली परियोजना में भी भारतीय कोष की सहायता मिल रही है। हालांकि सल्मा का निर्माण कार्य समय से काफी पीछे चल रहा है। 2012 के अंत में इसके पूरे होने के आसार हैं।

पेंटागन की रिपोर्ट के मुताबिक विभिन्न तरह की लघु इकाई परियोजनाओं में भी भारत काफी मदद कर रहा है। अफगान नागरिकों को बचाने में इंडियन मेडिकल मिशन भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। छात्रवृत्ति के माध्यम से भी भारत सहायता कर रहा है।

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