एक पखवाड़े से मौन व्रत कर रहे गांधीवादी समाजसेवी अन्ना हजारे तीन-चार दिन में अपना मौन खत्म कर सकते हैं और उसके बाद वे देशव्यापी दौरा करेंगे। श्री हजारे ने आज अपने ब्लॉग पर जारी संदेश में कहा कि मैं मौन व्रत तोड़ने पर विचार कर रहा हूं। मैं तीन-चार दिन में मौन व्रत तोड़ सकता हूं। दुनिया भर में करोड़ों लोग मेरे ब्लॉग पढ़ रहे हैं। इसलिए मैं समझता हूं कि यह उचित होगा कि मैं मौन व्रत तोड़कर उनके साथ सीधा संवाद करूं।
उन्होंने कहा कि मौन व्रत तोड़ने के बाद मैं विभिन्न राज्यों के दौरे पर निकलूंगा और उन सभी युवाओं, किसानों, कामगारों और स्कूली बच्चों से मिलूंगा, जिन्होंने भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन में हिस्सा लिया और इस उद्देश्य के लिए जेल तक गये। श्री हजारे ने कहा कि उनकी दिली तमन्ना है कि वे उन लोगों से मिलें, जिन्होंने बहादुरी से खतरों से सामना किया इसलिए वे मौन व्रत तोड़कर उनके साथ विचार-विमर्श करना चाहते हैं।
उन्होंने उम्मीद जतायी कि इन युवाओं से उन्हें उतनी ही उर्जा मिलेगी जितनी उन्हें पिछले आंदोलन के दौरान मिली थी। इस उर्जा का इस्तेमाल लोकपाल विधेयक को पारित कराने के लिए किया जायेगा और उसके बाद चुनाव में उम्मीदवारों को नामंजूर करने तथा जनप्रतिनिधियों को वापस बुलाने के अधिकार के लिए उनका संघर्ष जारी रहेगा। श्री हजारे ने 16 अक्टूबर को स्वास्थ्य कारणों से अपना मौन व्रत शुरू किया था। उनका मौन व्रत ऐसे समय में हुआ जब उनकी टीम के कुछ सदस्यों पर तरह-तरह के आरोप लगे तथा कोर कमिटी के दो सदस्यों ने इस्तीफा दे दिया।
इस बीच कुछ सदस्यों ने कोर कमेटी को भंग करने की भी मांग उठायी, लेकिन शनिवार को हुई कमिटी की बैठक में मौजूदा कमेटी को ही जारी रखने का फैसला किया गया। गांधीवादी नेता को कल इस फैसले से अवगत कराया गया जिस पर मुहर लगाते हुए उन्होंने कहा कि आंदोलन का संविधान बनाया जा रहा है तब तक मौजूदा कोर कमिटी जारी रहेगी।
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