गाजियाबाद में लगभग चार घंटे तक बैठक चलने के बाद टीम अन्ना कोर कमेटी की बैठक खत्म हो गई। बैठक में फैसला लिया गया कि कोर कमेटी को भंग नहीं किया जाएगा।
बैठक के बाद लिए गए निर्णयों के बारे में पत्रकारों को संबोधित करते हुए अरविंद केजरीवाल ने कहा कि जनलोकपाल बिल पारित कराने का ये आंदोलन करोड़ों का आंदोलन है और कोर कमेटी के हर सदस्य ने इस आंदोलन में अहम भूमिका निभाई है इसलिए कोर कमेटी को भंग करने का सवाल ही नहीं उठता है। उन्होंने एक बार फिर कहा कि जनलोकपाल के लिए लड़ाई जारी रहेगी। केजरीवाल ने आरोप लगाया कि सरकार कोर कमेटी के सदस्यों को सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग कर बदनाम करने की कोशिश कर रही है, लेकिन इसका डटकर सामना करना होगा।
कोर कमेटी ने हिसार उपचुनाव में कांग्रेस को वोट न देने की भी अपील का भी समर्थन किया। केजरीवाल ने बताया कि अभियान का मकसद जनलोकपाल के विरोधियों को चुनौती देना था, क्योंकि कांग्रेस ने जनलोकपाल के लिए समर्थन पत्र नहीं सौंपा था, इसलिए हमने कांग्रेस के खिलाफ वोट देने की अपील की थी। उन्होंने बताया कि कोर कमेटी ने यह भी फैसला लिया है कि अगर कांग्रेस शीतकालीन सत्र में जनलोकपाल को पारित नहीं करवाती है तो पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों में भी वह ऐसा ही करेंगे। उन्होंने यह भी साफ किया कि अभियान का मकसद किसी पार्टी को समर्थन देना बिल्कुल नहीं था।
केजरीवाल ने बताया कि जब हिसार उपचुनाव का नतीजा आ गया तो प्रधानमंत्री ने अन्ना हजारे को पत्र लिखकर एक मजबूत लोकपाल बिल लाने का आश्वासन दिया, अगर वह ऐसा आश्वासन पहले दे देते तो हम हिसार उपचुनाव में ऐसी मुहिम नहीं चलाते। उन्होंने किसी प्रकार की वित्तीय अनियमितता को संबंधी लगे आरोप को भी खारिज कर दिया। उन्होंने बताया कि चंदे में किसी प्रकार की गड़बड़ी नहीं हुई है और लेन-देन संबंधी सारी जानकारी वेबसाइट पर उपलब्ध है। उन्होंने बताया की पीसीआरएफ को यह जिम्मेवारी कोर कमेटी की बैठक में ली गई थी। केजरीवाल ने बताया कि रात को वह खुद और प्रशांत भूषण अन्ना हजारे से मिलने रालेगण सिद्धी जा रहे हैं जहां उन्हें बैठक में लिए गए निर्णय के बारे में सूचित किया जाएगा।
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