एफडीआई के मसले पर सर्वदलीय बैठक. - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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सोमवार, 28 नवंबर 2011

एफडीआई के मसले पर सर्वदलीय बैठक.


सरकार संसद में पिछले एक हफ्ते से जारी गतिरोध और मल्टी ब्रैंड रीटेल पर एफडीआई के विरोध को खत्म करने की कोशिश में जुट गई है। इसी मुद्दे पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से मुलाकात की। सरकार से जुड़े सूत्रों का यह भी कहना है कि रीटेल में एफडीआई के मसले पर मंगलवार को सभी पार्टियों की बैठक बुलाई है। प्रधानमंत्री इसकी अध्यक्षता करेंगे।  

संसद के शीतकालीन सत्र के शुरुआती पांच दिन कई मुद्दों पर हंगामे की भेंट चढ़ चुके हैं। शुक्रवार को संसद के दोनों सदनों में जबर्दस्त हंगामे का सबब बना रीटेल एफडीआई मुद्दा सोमवार को भी छाया रहा। भारी हंगामे के बीच लोकसभा और राज्यसभा की बैठक दिन भर के लिए स्थगित करनी पड़ी। सरकार ने मल्टिब्रैंड रीटेल में 51% प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की अनुमति देने का फैसला किया है, जिसके बाद अगले ही दिन संसद के दोनों सदनों में जबर्दस्त हंगामा हुआ। इससे पहले शुरुआती चार दिनों में महंगाई और तेलंगाना जैसे मुद्दों पर हंगामे के कारण बैठक नहीं चल पाई थी। 

दोनों सदनों की बैठक शुरू होते ही तृणमूल कांग्रेस समेत कई पार्टियों के सदस्य रीटेल एफडीआई के विरोध में नारेबाजी करने लगे। बीजेपी और लेफ्ट पार्टियों के सदस्यों ने इस मुद्दे पर पोस्टर और बैनर लहराए। दोनों सदनों में बैठक एक बार के स्थगन के बाद भारी हंगामे के चलते पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गई।  लोकसभा में केरल से कांग्रेस के कुछ सदस्य मुल्लापेरियार बांध का मुद्दा उठाते हुए अध्यक्ष के आसन के सामने आ गए। टीआरएस प्रमुख के. चंद्रशेखर राव और तेलंगाना के कुछ और सांसद पृथक तेलंगाना राज्य की मांग को लेकर नारेबाजी करने लगे। 

उपाध्यक्ष करिया मुंडा ने सदस्यों को बताया कि रीटेल एफडीआई को लेकर कार्यस्थगन प्रस्ताव के सभी नोटिस अध्यक्ष के विचाराधीन हैं और वह इन पर फैसला लेंगी। शिरोमणि अकाली दल को छोड़कर बीजेपी और लेफ्ट पार्टियों समेत अधिकांश विपक्षी दल रीटेल एफडीआई का विरोध कर रहे हैं। बीजेपी ने कहा कि वह अपनी पार्टी के शासन वाले राज्यों में बहुराष्ट्रीय कंपनियों को अपनी दुकानें नहीं खोलने देगी।

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