
राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने मंगलवार को लोकसभा में लोकपाल विधेयक पर चर्चा के दौरान कहा कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह लोकपाल पद के लिए सबसे उपयुक्त उम्मीदवार साबित होंगे। लालू ने हालांकि, विधेयक को वापस संसद की स्थायी समिति के पास भेजने की मांग की है। लालू ने कहा, "मैं जब स्थायी समिति में था तो मैंने लोकपाल पद की योग्यता के बारे में जानने की कोशिश की। मुझे प्रधानमंत्री से अधिक उपयुक्त कोई और व्यक्ति नहीं मिला। प्रधानमंत्रीजी आप एक प्रभावी लोकपाल लाइए, हम आपको लोकपाल बना देंगे।"
लोकसभा में विधेयक पर गम्भीर बहस के माहौल को हल्का करते हुए लालू ने यह भी कहा कि वह 'आल इंडिया सेव अन्ना हजारे हेल्थ' नाम से एक समिति का गठन करने जा रहे हैं। उन्होंने कहा, "अन्ना हजारे का जीवन मूल्यवान है और प्रत्येक बात पर उन्हें अनशन के लिए भेज दिया जाता है।" लालू ने जोर देकर कहा, "संसद की सर्वोच्चता से समझौता नहीं होना चाहिए।" इसके पहले लालू ने केंद्र सरकार से लोकपाल विधेयक को वापस लेने की मांग की। उन्होंने कहा कि विधेयक को ठीक तरीके से तैयार नहीं किया गया है और उसे वापस स्थायी समिति के पास भेज देना चाहिए।
विधेयक को कमजोर बताते हुए लालू ने कहा कि यदि विधेयक मौजूदा स्वरूप में पारित हो गया तो यह सांसदों के लिए 'डेथ वारंट' साबित होगा। उन्होंने कहा कि इस विधेयक के जरिए सरकार पूरी व्यवस्था को नेस्तनाबूद करने जा रही है। लालू ने लोकपाल विधेयक पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के बयान को एक चुनावी भाषण बताया और कहा कि विधेयक में बहुत सारी खामियां हैं, इसलिए सरकार इस विधेयक को वापस ले और इसे स्थायी समिति के पास भेजे। उल्लेखनीय है कि लोकपाल विधेयक पर चर्चा के लिए संसद का तीन दिनों का (27 से 29 दिसम्बर तक) विशेष सत्र बुलाया गया है जबकि वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने विधेयक को कमजोर बताकर इसे खारिज किया है और एक प्रभावी लोकपाल विधेयक की मांग को लेकर वह मुम्बई के एमएमआरडीए मैदान में 27 दिसम्बर से तीन दिवसीय अनशन पर बैठे हैं।
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