मुंबई में अन्ना हजारे के अनशन को मिले कम जनसमर्थन के बाद टीम अन्ना ने रणनीति में बदलाव किए हैं। सूत्रों के हवाले आ रही खबर के मुताबिक टीम अन्ना अब किसी पार्टी के खिलाफ प्रचार नहीं करेगी और केवल भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाएगी।
सूत्र के अनुसार पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव के दौरान टीम अन्ना के सदस्य किसी पार्टी का नाम नहीं लेंगे और भ्रष्ट नेताओं के खिलाफ प्रचार करेंगे। हालांकि टीम अन्ना की इस बदली रणनीति पर आखिरी फैसला अन्ना हजारे ही करेंगे।
टीम अन्ना के सदस्य कुमार विश्वास आज रालेगण सिद्धि पहुंच रहे हैं। वह अन्ना हजारे से मिलकर सोमवार को हुई टीम अन्ना कोर कमेटी की बैठक में हुई चर्चा से अवगत कराएंगे। मजबूत लोकपाल के लिए पिछले महीने अन्ना द्वारा बीच में ही आंदोलन छोडऩे के बाद टीम अन्ना की यह पहली बैठक थी। बैठक में अरविंद केजरीवाल, प्रशांत भूषण और अन्य सदस्य शामिल हुए। हालांकि बीमार अन्ना हजारे ने इसमें हिस्सा नहीं लिया। बैठक में निर्णय हुआ कि भविष्य की रणनीति उन पर ही छोड़ दी जाए, जिसमें वही तय करेंगे कि किसी एक राजनीतिक पार्टी को निशाना बनाया जाए या नहीं।
टीम अन्ना की सदस्य और सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटेकर के अलावा कुछ अन्य सदस्य ने इसकी सलाह दी कि भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन और लोकपाल की लड़ाई में केवल कांग्रेस को ही निशाना नहीं बनाया जाना चाहिए। हालांकि पाटेकर ने इस बैठक में हिस्सा नहीं लिया लेकिन उन्होंने अपनी बात रखने के लिए एक नोट भेजा था।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें