ओबामा ने रखा नया प्रस्ताव, कार्य हो आसान. - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।


शनिवार, 14 जनवरी 2012

ओबामा ने रखा नया प्रस्ताव, कार्य हो आसान.



अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने सरकार की कार्यप्रणाली को सरल, कारगर एवं दक्ष बनाने के लिए शुक्रवार को एक प्रस्ताव पेश किया। समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक ओबामा ने अपना यह प्रस्ताव ह्वाइट हाउस में रखा। ओबामा ने यह प्रस्ताव प्रतिस्पर्धा, निर्यात एवं व्यापार बढ़ाने के लिए छह व्यापार एवं कारोबार से जुड़ी संघीय एजेंसियों को एक एजेंसी बनाने के उद्देश्य से रखा। 


ओबामा ने कहा, "हम 21वीं सदी की अर्थव्यवस्था में रह रहे हैं लेकिन हमारे पास 20वीं सदी की सरकारी व्यवस्था है जो ज्यादा जटिल होती जा रही है और कभी-कभी भ्रमित भी।" इसके अलावा ओबामा ने कांग्रेस से संघीय सरकार को मजूबत एवं पुनर्गठित करने के लिए राष्ट्रपति के अधिकारों को बहाल करने की मांग की। कांग्रेस इसके पहले आर्थिक मंदी से उत्पन्न चुनौतियों से निपटने और अमेरिकी लोगों को जरूरतों को पूरा करने के लिए ऐसे अधिकार राष्ट्रपतियों को दे चुकी है। लेकिन वर्ष 1984 में रोनाल्ड रीगन जब देश के राष्ट्रपति थे तो उसने यह अधिकार देने पर रोक लगा दी। 

कोई टिप्पणी नहीं: