दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार को जनता पार्टी के अध्यक्ष सुब्रह्मण्यम स्वामी की वह याचिका खारिज कर दी, जिसमें कहा गया था कि इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) छेड़छाड़ रहित नहीं है और निष्पक्ष मतदान के लिए इसमें सुधार की आवश्यकता है। कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश ए. के. सीकरी ने हालांकि इसमें दिए गए सुझावों की सराहना की। न्यायालय ने कहा कि वह निर्वाचन आयोग को चुनाव के समय छेड़छाड़ से बचने के लिए ईवीएम के स्थान पर मतपत्र के इस्तेमाल का निर्देश नहीं दे सकता।
जनता पार्टी के अध्यक्ष ने अपनी याचिका में कहा था कि ईवीएम में छेड़छाड़ से बचने के लिए निर्वाचन आयोग को या तो मुद्रित ईवीएम में लगाए जाने चाहिए या मतपत्र की पुरानी व्यवस्था लागू करनी चाहिए। स्वामी ने कहा था कि ईवीएम के आंकड़ों को कम्प्यूटर चिप से नियंत्रित किया जा सकता है और यह छेड़छाड़ रहित नहीं है। उन्होंने तकनीकी दृष्टिकोण से सम्पन्न यूरोपीय देशों का उदाहरण देते हुए कहा था कि ये देश भी इन्हीं कारणों से ईवीएम का इस्तेमाल नहीं करते।

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