मिथिलांचल और सीमांचल की दूरी सिमटी. - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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बुधवार, 8 फ़रवरी 2012

मिथिलांचल और सीमांचल की दूरी सिमटी.


 बिहार के सुपौल जिले में कोसी महासेतु का उद्घाटन केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री सी. पी. जोशी ने बुधवार को किया. इस मौके पर राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी मौजूद थे. एक अधिकारी के अनुसार, 1.87 किलोमीटर लम्बे इस पुल के बन जाने से मिथिलांचल के नौ जिलों के लोगों को बड़ी राहत मिली है. इसके निर्माण पर 418 करोड़ रुपए की लागत आई है.

 पुल का शिलान्यास छह जून, 2003 को तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने किया था.राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 57 पर पुल के निर्माण पर 418 करोड़ रुपए की लागत आई है. 

बिहार के सुपौल जिले में बुधवार को कोसी महासेतु के उद्घाटन के साथ ही क्षेत्र के लोगों का वर्षो पुराना सपना साकार हो गया. राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-57 पर बने इस पुल से मिथिलांचल और सीमांचल की दूरी सिमट गई है. यह महासेतु सामरिक दृष्टि से भी काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है. सुपौल के लोगों के अनुसार, अंग्रेजों के जमाने में कोसी के इन क्षेत्रों में रेलगाडियां दौड़ा करती थीं, लेकिन वर्ष 1934 में आए भूकम्प ने सामरिक महत्व के समझे जाने वाले इस क्षेत्र को भी नष्ट कर दिया.

कोसी ने अपनी धारा बदल दी और मिथिलांचल को भैागोलिक दृष्टि से दो भागों में बांट दिया. एक तरफ दरभंगा और मधुबनी हो गए तो दूसरी ओर सहरसा, मधेपुरा व सुपौल जैसे क्षेत्र रह गए. मिथिलांचल के इस पुल के निर्माण का सपना दिखाकर स्वतंत्रता के बाद कई नेताओं ने सत्ता तक पहुंचने की कोशिश की, लेकिन क्षेत्र के लोगों के सपने पूरे नहीं हुए. वर्ष 2003 में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने इस महत्वकांक्षी परियोजना की नींव रखी. ‘बिहार का शोक' कही जाने वाली कोसी नदी पर पुल बनाना भी एक टेढ़ी खीर रही. शुरुआती दौर में जब भी पुल का खम्भा बनाया जाता था तो वह कोसी की तेज धारा में बह जाता था. आज का दिन सुपौल के लिए ही नहीं, सभी मिथिलांचल वासियों के लिए किसी त्योहार से कम नहीं। पिछले 78 वर्ष की पीड़ा अब समाप्त हो गई है.

बिहार के नौ जिले के लोगों को कोसी पार करने के लिए या तो नाव से सफर करना पड़ता था या दूसरे रास्ते होकर सड़क मार्ग से करीब 50 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती थी.  इस महासेतु की लम्बाई 1.87 किलोमीटर है। इसके बन जाने से मिथिलांचल के नौ जिलों के लोगों को बड़ी राहत मिली है. 

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