अखिलेश का 15 मार्च को शपथग्रहण समारोह - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शनिवार, 10 मार्च 2012

अखिलेश का 15 मार्च को शपथग्रहण समारोह


उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में प्रचंड बहुमत पाने वाली समाजवादी पार्टी (सपा) की जीत के नायक रहे अखिलेश यादव शनिवार को पार्टी विधायक दल के नेता चुन लिए गए। इसके बाद अखिलेश ने राजभवन जाकर राज्यपाल बी.एल. जोशी से मुलाकात की और सरकार बनाने का दावा पेश किया। 38 वर्षीय अखिलेश यादव सबसे बड़े प्रदेश के सबसे कम उम्र के मुख्यमंत्री होंगे। वह 15 मार्च को प्रदेश के 32वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण करेंगे। सपा विधायक दल की बैठक में नेता चुने जाने के बाद अखिलेश ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, "मैं एक बार फिर उत्तर प्रदेश की जनता को धन्यवाद देता हूं। लोगों ने जाति-धर्म से ऊपर उठकर मतदान किया और सपा को बहुमत की सरकार बनाने का मौका दिया।"

उन्होंने कहा, "मैं बड़ी जिम्मेदारी के साथ भरोसा दिलाता हूं कि पार्टी ने घोषणापत्र में जो भी वादे किए हैं, वे पूरे किए जाएंगे। किसानों, बुनकरों, अल्पसंख्यकों सहित समाज के हर तबके के हित में काम किया जाएगा। किसी भी तरह का भेदभाव नहीं किया जाएगा।" अखिलेश ने कहा, "सपा की सरकार पूरी ईमादारी से उत्तर प्रदेश को खुशहाली के रास्ते पर ले जाने के लिए काम करेगी, ताकि जिन राज्यों से वह विकास की दौड़ में पिछड़ गया है, उनकी बराबरी में खड़ा हो सके।" उन्होंने कहा, "सरकार कानून-व्यवस्था भंग करने वालों से सख्ती से निपटेगी। इसमें किसी तरह की ढील नहीं दी जाएगी और ढिलाई बरतने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।"

पार्टी का युवा चेहरा अखिलेश ने यह भी कहा, "नेताजी (मुलायम सिंह यादव) राज्य की राजनीति के साथ-साथ केंद्र की राजनीति में भी सक्रिय रहेंगे और उनके आशीर्वाद तथा मार्गदर्शन में ही पार्टी काम करेगी।" उन्होंने फिर दोहराया कि उनकी सरकार बदले की राजनीति नहीं करेगी और निवर्तमान मुख्यमंत्री मायावती के कार्यकाल में जो मूर्तियां बनवाई गईं, उन्हें तोड़ा नहीं जाएगा। अखिलेश ने संवाददाताओं को बताया कि विधायक दल की बैठक का संचालन रामगोपाल यादव ने किया। बैठक में उनके नाम का प्रस्ताव पार्टी के वरिष्ठ नेताओं आजम खान और शिवपाल यादव ने किया, जिसे सर्वसम्मति से सभी नविनर्वाचित विधायकों ने स्वीकार कर लिया।

यह पूछे जाने पर कि क्या आजम खान और शिवपाल यादव मंत्रिमंडल में रहेंगे, उन्होंने कहा कि दोनों वरिष्ठ नेता हैं और वे मंत्रिमंडल में अवश्य रहेंगे। सपा विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद अखिलेश ने राजभवन जाकर राज्यपाल बी. एल. जोशी से मुलाकात की और सरकार बनाने का दावा पेश किया। उनके साथ आजम खान, चाचा शिवपाल यादव एवं अन्य नेता मौजूद थे। अखिलेश के साथ राजभवन गए सपा के वरिष्ठ नेता एवं नविनर्वाचित विधायक रवि दास मेहरोत्रा ने संवाददाताओं से कहा, "हमारे नेता (अखिलेश) ने राज्यपाल के समक्ष सरकार बनाने का दावा पेश करने के बाद उन्हें जानकारी दी कि 15 मार्च को सुबह 11 बजे लॉ मार्टिनियर कॉलेज के मैदान में शपथ ग्रहण समारोह होगा।" 

सपा विधायक दल की बैठक शनिवार पूर्वाह्न् करीब 11.15 बजे यहां के विक्रमादित्य मार्ग स्थित पार्टी मुख्यालय में शुरू हुई। सूत्रों के मुताबिक, सपा अध्यक्ष मुलायम सिंह की सहिमत के बाद ही मुख्यमंत्री पद के लिए अखिलेश का नाम तय हो गया था, जिसकी औपचारिक घोषणा पार्टी के विधायक दल की बैठक के बाद कर दी गई। ज्ञात हो कि विधानसभा चुनाव में सपा को मिली जबर्दस्त सफलता के बाद से ही पार्टी के अधिकांश नेता व विधायक अखिलेश को मुख्यमंत्री बनाने की सिफारिश कर रहे थे। आजम खान और शिवपाल यादव हालांकि अखिलेश को मुख्यमंत्री बनाए जाने के पक्ष में नहीं थे। बाद में उन्हें मना लिया गया। जनता और पार्टी कार्यकर्ताओं में अंदरूनी कलह का संकेत न जाए, इसके लिए आजम और शिवपाल से ही अखिलेश को विधायक दल का नेता चुने जाने का प्रस्ताव रखवाया गया। बाद में मीडिया के समक्ष आजम ने अखिलेश को मुख्यमंत्री बनाए जाने पर अपनी नाराजगी संबंधी खबरों को सिरे से खारिज करते हुए कहा, "पार्टी अध्यक्ष की चाहत ही हमारी चाहत है।" 

वहीं, शिवपाल ने कहा, "अखिलेश मेरे बेटे की तरह हैं। बेटे को मुख्यमंत्री बनते देखना एक बाप की आंखों का सपना सच होने जैसा है।" सूत्रों के मुताबिक शुक्रवार को मुलायम सिंह के साथ हुई बैठक में आजम खान को विधानसभा अध्यक्ष बनाए जाने का प्रस्ताव दिया गया था, जबकि शिवपाल को राष्ट्रीय राजनीति में आगे बढ़ाने की बात कही गई थी। लेकिन विधायक दल की बैठक में दोनों नेताओं ने साफ कर दिया कि वे अखिलेश के साथ रहते हुए उत्तर प्रदेश की जनता के लिए काम करेंगे। उधर, देर शाम सपा के वरिष्ठ नेता रामगोपाल यादव ने कहा कि 15 मार्च को अखिलेश मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे तथा अन्य नेताओं को कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ दिलाई जा सकती है।

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