उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को इस बात पर विचार करने की सहमति जताई कि 2002 में गोधरा कांड के बाद भड़के दंगों की जांच के लिए उसके द्वारा गठित विशेष जांच दल का अपनी रिपोर्ट नानावटी आयोग के साथ साझा कर सकता है। आयोग भी गोधरा ट्रेन हादसे और बाद में भड़के दंगों के मामले में तफ्तीश कर रहा है।
न्यायमूर्ति डीके जैन की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि वह मामले पर विचार करेगी। एसआईटी ने इस मुददे पर शीर्ष अदालत का निर्देश प्राप्त करने के लिए उससे अपील की थी। सीबीआई के पूर्व निदेशक आरके राघवन की अगुवाई वाली एसआईटी का गठन शीर्ष अदालत ने अप्रैल 2009 में दंगों के मामलों की जांच करने के लिए किया था। दल ने 2011 में अपनी रिपोर्ट सौंपी।
एसआईटी नौ मामलों की जांच कर रही थी, जिनमें गोधरा ट्रेन कांड और उसके बाद भड़के दंगों के आठ मामले हैं। नानावटी आयोग का गठन 2002 में किया गया था। न्यायमूर्ति जीटी नानावटी और न्यायमूर्ति अक्षय मेहता के दो सदस्यीय आयोग का गठन गुजरात सरकार ने किया था।
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