सेना की तैनाती एक रुटीन अभ्यास:सेना प्रमुख - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।


शनिवार, 7 अप्रैल 2012

सेना की तैनाती एक रुटीन अभ्यास:सेना प्रमुख


सैनिकों की अनधिकृत तैनाती से रायसीना हिल्स में हडकंप मचने की खबर के खुलासे को बीमार दिमाग की उपज करार देते हुए सेना प्रमुख जनरल वीके सिंह ने कहा है कि इसके पीछे एक केन्द्रीय मंत्री की शह होने की भी खबर आई है। दिए गए एक  इंटरव्यू में सेना प्रमुख ने कहा कि सेना की दो यूनिटों की जनवरी में की गई तैनाती एक रुटीन अभ्यास था और इसके लिए किसी अधिसूचना की जरूरत नहीं थी। रक्षा मंत्रालय ने इस बारे में कोई स्पष्टीकरण भी नहीं मांगा था। 

सेना प्रमुख ने इस अभ्यास को सुप्रीम कोर्ट में अपनी उम्र के विवाद की याचिका से जोड़कर पेश किए जाने को बीमार दिमाग की किस्सेबाजी करार दिया। यह पूछने पर कि इस खुलासे के पीछे किसका हाथ हो सकता है जनरल सिंह ने कहा कि एक अखबार में तो यह खबर भी आई है कि यह सब एक केन्द्रीय मंत्री के इशारे पर किया गया। उन्होंने कहा..हो सकता है कि नौकरशाही का एक वर्ग गलत इनपुट दे रहा हो। सेना प्रमुख ने कहा कि लोगों ने तिल का ताड़ बना दिया। भगवान जाने इसमें कौन शामिल हो सकता है, मैं इसके बारे में अपना दिमाग लगाकर वक्त बर्बाद नहीं करना चाहता।

 जनरल सिंह ने कहा कि मैंने तो पिछले महीने ही कहा था कि कल कोई अभ्यास होगा तो उसे भी एक बड़े किस्से के रूप में छाप दिया जाएगा। संदेह का वातावरण हो तो आप कुछ भी कह सकते हैं। मूर्खतापूर्ण बातें फैलाई जा सकती हैं। यह पूछने पर कि क्या सेना ने इस अभ्यास की जानकारी सरकार को दी थी सेना प्रमुख ने उलटकर सवाल किया कि किस लिए सूचना दें। ऐसा हो क्या रहा था। हम तो ऐसा कई बार करते ही रहते हैं। इस सवाल पर कि क्या 16 जनवरी की रात हुई सैनिकों की इस आवाजाही के बारे में रक्षा मंत्रालय ने कोई स्पष्टीकरण सेना से मांगा था उन्होंने कहा, ऐसा नहीं है। कोई स्पष्टीकरण नहीं मांगा गया। यह रूटीन मामला था। मुझे नहीं लगता कि एक-दो यूनिटों से किसी को परेशनी होनी चाहिए। कोई पूरी की पूरी बख्तरबंद डिवीजन तो दिल्ली की ओर कूच नहीं कर रही थी।

इन सुझावों की ओर ध्यान दिलाए जाने पर कि ऐसा सरकार को भयभीत करने के लिए किया गया होगा सेना प्रमुख ने कहा कि कोई आदमी सुप्रीम कोर्ट जा रहा है, इससे सरकार को क्यों भय होगा। ये सब बीमार मन के किस्से हैं। ऐसा तार जो भी जोड़ता है उसे मनोचिकित्सक के पास जाना चाहिए। मैंने लोकतांत्रिक संविधान का पालन किया और सुप्रीम कोर्ट गया। उन्होंने कहा कि सेना में हम भारत के संविधान और लोकतंत्र को सर माथे पर रखने की शपथ लेते हैं। सेना देश के मूल्यों की रखवाली करती है। सेना के बारे में इससे उलट कोई सोचता है तो उसे अपने दिमाग की जांच करानी चाहिए। ऐसे लोग सबसे बड़े देशद्रोही हैं। 

कोई टिप्पणी नहीं: