गंगा प्रवाह को बनाये रखते हुए बिजली उत्पादन - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शुक्रवार, 11 मई 2012

गंगा प्रवाह को बनाये रखते हुए बिजली उत्पादन

मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा ने शुक्रवार को नई दिल्ली स्थित उत्तराखण्ड निवास में पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि राज्य सरकार सीमांत एवं पिछड़े क्षेत्रों के विकास के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में किसी भी प्रकार के भ्रष्टाचार को प्रोत्साहित नही किया जायेगा। गैरसैण में पहले एक कैबिनेट बैठक आयोजित की जायेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनका प्रयास है कि साल विधान सभा एक सत्र गैरसैण में जरूर किया जाय, चाहें इसके लिए कुछ भी व्यवस्था क्यो न करनी पड़े हम वहां एक विधान सभा सत्र जरूर करेंगे। इस साल नही कर पाये तो अगले साल जरूर करेंगे।

खनन के संबंध में पूछे एक सवाल का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री बहुगुणा ने कहा कि प्रदेश सरकार खनन चोरी को रोकने के लिए प्रभावी कदम उठा रही है। इसके लिए इलैक्ट्रांनिक सर्विलांस की व्यवस्था लागू की जा रही है। इस व्यवस्था के लागू होने से खनन चोरी पर रोक लगेगी और राज्य की आय भी बढेगी। उन्होंने कहा कि खनन चोरी को रोकने व अवैध खनन पर रोक लगाने के लिए अधिकारियों को निर्देश जारी कर दिये गये। फिर यदि किसी अधिकारी के स्तर पर लापरवाही बरती जाती है, तो उसके विरूद्ध कठोर कार्यवाही की जायेगी। गंगा के निरंतर प्रवाह पर मीडिया द्वारा पूछे गये सवाल का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री बहुगुणा ने कहा कि गंगा के प्रवाह को बनाये रखते हुए बिजली उत्पादन किया जायेगा। उन्होंने संत समाज से राज्य के विकास में सहयोग करने की अपील की। उन्होंने कहा कि गंगा के प्रवाह को बनाये रखते हुए भी बिजली उत्पादन किया जा सकता है। एक अन्य सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री बहुगुणा ने कहा कि भाजपा सरकार द्वारा बिना सोचे समझे चुनावों के समय कई जिले बनाने की घोषणा कर दी गई थी। 

राज्य सरकार सीमांत एवं पिछड़े क्षेत्रों के विकास के लिए प्रतिबद्ध है और इसको देखते हुए हमारी सरकार ने सभी जिलों के समन्वित विकास के लिए उच्च स्तरीय समिति का गठन किया है। यह समिति जिलों के पुनर्गठन संबंधी अपनी रिपोर्ट शीघ्र ही सरकार को सौपेगी। रिपोर्ट के अनुसार ही जिलों के गठन पर विचार किया जायेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार प्रदेश के समन्वित विकास को वचनबद्ध है। इस अवसर पर कांग्रेस प्रवक्ता धीरेन्द्र प्रताप सिंह भी उपस्थित थे।




(राजेन्द्र जोशी)

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