सांसदों ने बाबा के खिलाफ मोर्चा खोला. - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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बुधवार, 2 मई 2012

सांसदों ने बाबा के खिलाफ मोर्चा खोला.


सांसदों के खिलाफ विवादास्पद टिप्पणी करने पर विभिन्न दलों के सांसदों  ने बाबा रामदेव के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। सांसदों  ने उनके खिलाफ संसदीय मर्यादा के तहत कार्रवाई करने तक की मांग कर डाली। 

बाबा रामदेव के बयान पर सियासी जमात में बहुत तेज प्रतिक्रिया हुई है। कई दल के नेताओं ने एक साथ बाबा के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। बीजेपी को छोड़कर ज्यादातर दलों ने रामदेव के बयान की निंदा की है। कांग्रेस सांसद जगदंबिका पाल ने बाबा रामदेव की टिप्पणी को गलत बताया है। कांग्रेस ने कहा कि ऐसा कर बाबा रामदेव सांसदों की गरिमा घटाने की कोशिश कर रहे हैं। वहीं समाजसेवी अन्ना हजारे ने बाबा रामदेव को बयान का समर्थन किया है और नेताओं पर हमला किया है।

बाबा रामदेव के बयान का समर्थन करते हुए अन्ना उन्होंने कहा कि अगर ऐसा नहीं होता तो स्वामी रामदेव बयान नहीं देते। शिरडी में उन्होंने कहा कि नेताओं को किसी के बयान से कोई फर्क नहीं पड़ता। आरजेडी सांसद रामकृपाल यादव का कहना है कि बाबा रामदेव का मानसिक संतुलन बिगड़ गया है। उन्होंने कहा कि लोकतान्त्रिक व्यवस्था में बोलने का अधिकार सबको है लेकिन इस तरह से किसी को नहीं बोलना चाहिए। रामकृपाल ने कहा कि ऐसे बयान पब्लिसिटी में रहने के लिए दिए जाते हैं।

समाजवादी पार्टी के नेता मोहन सिंह ने कहा कि अन्ना हजारे तो कम से कम व्यस्त रहते हैं, लेकिन बाबा रामदेव तो साधू संत हैं। मैं भगवान् से प्रार्थना करता हूं कि उनकी वेशभूषा के अन्दर अच्छे भावों को भरें। बीजेपी नेता बलबीर पुंज के मुताबिक बाबा रामदेव की भाषा के बारे में ज्यादा चिंता नहीं करनी चाहिए। वो जो बोल रहे हैं उस पर सोचना चाहिए। मालूम हो कि भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन कर रहे बाबा रामदेव ने एक बार फिर सांसदों पर हमला किया है।

बाबा ने कहा है कि संसद के भीतर कुछ लोग अच्छे हैं लेकिन संसद के भीतर हत्यारे, लुटेरे और जाहिल बैठे हैं। बाबा ने ये भी कहा कि सत्ता की कुर्सी बैठे लोग शैतान और हैवान हैं। सांसदों को उन्होंने पैसे का यार और गुलाम तक कहा। रामदेव ने कहा कि संसद में बैठे लोग सत्ता के पात्र नहीं है। उन्होंने कहा कि देश की संसद को बचाना होगा। उन्होंने कहा कि 543 रोगी हिंदुस्तान चला रहे हैं। हमने उन्हें कुर्सी पर बैठा दिया है लेकिन उन्हें कुर्सी पर बैठने का अधिकार नहीं है। वो देश चल रहे हैं क्योंकि हमने ऐसा ही सिस्टम बनाया है। बेईमान, भ्रष्ट लोगों से संसद को भी बचाना है

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