औद्योगिक वृद्धि दर अप्रैल में 0.1 फीसदी रहने से निराश वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने मंगलवार को कहा कि सरकार उद्योगों को सकारात्मक संकेत देने के लिए कदम उठाएगी। उन्होंने कहा कि मैं निराश हूं। उद्योग ने अब तक रफ्तार नहीं पकड़ी है। नकारात्मक रुझान है हमें सकारात्मक संकेत (उद्योग को) देने के लिए कदम उठाना है।
पूंजीगत उत्पादों और विनिर्माण उत्पादन में कमी के कारण औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि दर अप्रैल में भारी गिरावट के साथ 0.1 फीसदी पर पहुंच गई जो पिछले साल की समान अवधि में 5.3 फीसदी थी। इससे अर्थव्यवस्था की धीमी रफ्तार स्पष्ट होती है। मार्च में औद्योगिक वृद्धि दर शून्य से कम थी जिसमें 3.2 फीसदी की गिरावट हुई थी। मुखर्जी ने कहा कि सरकार इस बात से संतुष्ट नहीं हो सकती कि अप्रैल में औद्योगिक उत्पादन में वृद्धि हुई जबकि महीने भर पहले इसमें गिरावट आई थी।
मुखर्जी ने कहा कि पूंजीगत उत्पाद क्षेत्र का प्रदर्शन निराशाजनक रहा और 22 प्रमुख औद्योगिक समूहों में से सिर्फ 12 में वृद्धि दर्ज हुई। आज जारी आंकड़े के मुताबिक पूंजीगत उत्पादों का उत्पादन एक साल पहले की तुलना में 16.3 फीसदी गिरा जबकि पिछले साल की समान अवधि में इसमें 6.6 फीसदी की वृद्धि हुई थी। खनन उत्पादन भी अप्रैल में 3.1 फीसदी घटा जबकि पिछले साल की समान अवधि में इसमें 1.6 फीसदी की वृद्धि दर्ज हुई थी। औद्योगिक उत्पादन में गिरावट से रिजर्व बैंक पर 18 जून को होने वाली मध्य तिमाही समीक्षा में ब्याज दर कटौती पर दबाव बन सकता है। एसबीआई के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक प्रतीप चौधरी ने उम्मीद जताई कि आरबीआई नकद आरक्षी अनुपात (सीआरआर) में एक फीसदी तक की कटौती कर सकता है ताकि नकदी की स्थिति बेहतर हो।
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