नौकरी की तलाश में लाखों नेपाली युवा विदेश गए. - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

बुधवार, 13 जून 2012

नौकरी की तलाश में लाखों नेपाली युवा विदेश गए.


चार लाख से अधिक नेपाली लोगों ने मौजूदा कारोबारी साल के 10 महीनों में नौकरी की तलाश में विदेश का रुख किया। विदेशी रोजगार विभाग के आंकड़ों के मुताबिक पिछले 10 महीने में 4,13,471 नेपाली युवा काम की तलाश में लगभग 4 दर्जन देशों में गए। यह आंकड़ा सरकार के उस अनुमान से मेल खाता है, जिसमें सरकार ने कहा है कि हर साल लगभग 4,00,000 से अधिक नेपाली श्रमिक बाजार में शामिल होते हैं। लोगों के विदेश जाने के 3 कारण हैं : तराई के लोगों को अधिक संख्या में बाहर जाना, कतर में अप्रशिक्षित लोगों की मांग और देश में कारखानों की बंदी।'' 

 सूत्रों के अनुसार ऊर्जा संकट, उच्च ब्याज दर और विभिन्न श्रमिक विवादों के कारण तराई क्षेत्र में फैक्ट्रियां बंद हो रही हैं। एक अन्य श्रम विशेषज्ञ ने कहा कि जब तक सरकार निवेश अनुकूल माहौल नहीं बनाएगी, तब तक लोगों का विदेश गमन नहीं रुकेगा।

कोई टिप्पणी नहीं: