नरकटियागंज (बिहार) की खबर (7 जुलाई) - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शनिवार, 7 जुलाई 2012

नरकटियागंज (बिहार) की खबर (7 जुलाई)


पश्चिम चम्पारण के भू-विवादो को निपटाने के लिए डीएम का प्रयास
अद्यतन जमाबंदी संधारण में अड़चने,कर्मियों के पास संसाधन का आभाव

जिस जिला का भू-सर्वेक्षण 1914 में हुआ और उसके बाद से आज तक सर्वे का कार्य नहीं हो सका वहा भूमि के अद्यतन जमाबंदी के आधार पर भू-अभिलेखो का कम्प्युटरीकरण कहां तक संभव हो पायेगा,इसका अंदाजा सहज लगाया जा सकता है! हमारे सूत्रों के मुताबिक जिला, अनुमण्डल, अंचल, हल्का, राजस्वग्राम और थाना संख्यावार जमाबंदी संख्या जमाबंदीदार का नाम, पिता का नाम,पता,खाता,खेसरा,रकबा,चौहदी,जमीन का किस्म,रैयतो परिवर्तनो  को दर्ज करने का आदेश का सारांश ज्ञापांक तिथि एवं आदेश देने वाले पद अधिकारी का नाम और लगान प्रति एकड़ के अनुसार प्रतिवेदन दो दिनो में सौंपने का निर्देश जिला पदाधिकारी ने बुधवार को अपने राजस्व बैठक में सभी पदाधिकारियो व कर्मचारियो को दिया। जिसके लिए एक प्रपत्र भी उपलब्ध कराया  गया। जिला पदाधिकारी श्रीधर सी.की अध्यक्षता में सम्पन्न राजस्व बैठक में जिला के सभी राजस्व कर्मचारी, अंचल निरिक्षक, अंचल अधिकारी, एडिसनल कलक्टर और अनुमण्डल पदाधिकारी तथा भूमि सुधार उप समाहर्तागण शामिल हुए। बता दें कि करीब सभी अंचलो में राजस्वकर्मियों के पास नक्शा नहीं है,  इतना ही नहीं कई राजस्वकर्मी अपने पास खतियान नही होने की बात भी करते हैं। जबकि कई राजस्वकर्मी के पास जो खतियान हैं लेकिन उसमें छेड़-छाड़ किये गये है, खतियान (रजिस्टर 2) भी कटा-फटा है, खतियान में परिवर्तन भी किये गये है, जिन पर किसी अधिकारी का आदेशपत्र मौजूद नहीं है, इसलिए ज्ञापांक,तिथि और अधिकारी का नाम ढूंढना दिल्ली दूर है। इन परिस्थितियों में जिला पदाधिकारी बेतिया के निर्देशों का अक्षरशःअनुपालन करना संभव प्रतीत नहीं होता। यदि कर्मचारी अद्यतन जमाबंदी पंजि के अनुसार(प्रतिवेदन प्रपत्र पर) ब्योरा सौंप भी देते है तो हालात “एक करेला दूजे नीम चढा” से कमतर नहीं होगा। उल्लेखनीय है कि जिले में सर्वाधिक मामले भूमि विवाद के ही लंम्बित हैं। नरकटियागंज शहर के निवासी सुरेश प्रसाद गुप्ता बताते है कि उनके ससुर स्व. रामकिशुन राम के नाम से जमाबंन्दी  नम्बर 604 जो 1946 में कायम हुआ था,जिसका रसीद 1971 तक कटा उसके बाद 1981 में उस जमाबन्दी को 653 बनाकर अन्य व्यक्ति के नाम से कर दिया गया है । इस बावत कोर्इ्र अधिकारी व कर्मचारी ठोस जवाब देने मे असमर्थ है। जानकारों की माने तो पहले जिले के सभी जमीन का सर्वेक्षण कराया जाना चाहिए,उसके बाद सर्वे के अनुसार नक्शा को तैयार कर अद्यतन जमाबंदी तैयार कराया जाये तो चम्पारण का भूमि-विवाद पर एक हद तक विराम लग सकता है।

नरकटियागंज प्रखण्ड के हरदीटेढा पंचायत में इन्दिरा आवास की राशि कीडाकघर से हुई निकासी के मामले ने तूल पकड़ लिया है और उसमें मुखिया के खास राजेश महतो पर लाभुक मुसमात सविता ने आरोप लगाते हुए शिकारपुर थाना में काण्ड संख्या 212/12 दर्ज करा कर न्याय की गुहार लगायी है। सुनिता के आवेदन में खुलासा है कि मुखिया व  पंचायत सचिव के दलाल ने इन्दिरा आवास के लिए 5000 रूपये का गबन किया है । उधर राजेश महतो ने बताया कि मुझपर आरोप निराधार है क्योकि मैं किसी दूसरे के खाते का भुगतान नही उठा सकता यह मामला डाकघर का है जिसके खाता नम्बर 4609897से राशि की निकासी  की  गयी है। उल्लेखनीय है कि डाकघर से इन्दिरा आवास राशि के भुगतान में अनियमितता की शिकायत पर आईएएस प्रशिक्षु सह तत्कालीन अंचल अधिकारी व बीडीओ अवनीश कुमार सिंह ने छापेमारी कर मामले को एक मोड़ पर ला खड़ा किया था लेकिन उसके बाद उनकी प्रशिक्षण अवधि समाप्त हो गयी। तत्पश्चात मामला ठंढे बस्ते में पड़ गया । इधर जानकार बताते है कि इन्दिरा आवास के चयन से लेकर भुगतान तक की गतिविधि पर बीडीओ की नज़र रहती है , इसलिए इंदिरा आवास की राशि घोटाले में डाकघर के अधिकारी, दलाल,पंचायत प्रतिनिधि और प्रखण्ड बीडीओ की संलिप्तता से इनकार नहीं किया  जा सकता है । इधर मुखिया के करीबी सूत्रो ने बताया कि मुखिया और उनके लॉबी को बदनाम करने के लिए विरोधी गुट की यह साजिस है जो जांच के दौरान स्पष्ट हो जाएगा। 

शिकारपर थानाक्षेत्र के डी.के.शिकारपुर निवासी रामजी दुबे ने महेशपुर निवासी एजाज मियां,डिजल मियां पर मारपीट व गाली गलौज करने का आरोप लगाते हुए एक आवेदन शिकारपुर थाना को दिया है खुलासा नालिस यह है कि रामजी दूबे जो ट्रैक्टर चालक है अपने मालिक अखिलेश का खेत जुतायी करने जा रहा था कि इसी दौरान आरोपियो ने उससे मारपीट किया और 1500 रूपये छीन लिया। शिकारपुर पुलिस ने इस संबंध में काण्ड संख्या213 दर्ज कर मामले का अनुसंधान प्रारम्भ कर दिया है।


(अवधेश कुमार शर्मा)

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