बिहार में 42 लाख परिवार बिना राशन कार्ड के. - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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मंगलवार, 25 सितंबर 2012

बिहार में 42 लाख परिवार बिना राशन कार्ड के.


बिहार में आज भी  42 लाख से ज्यादा ऐसे परिवार हैं, जिन्हें राशन कार्ड नहीं रहने के कारण सार्वजनिक वितरण प्रणाली का लाभ नहीं मिल पा रहा है। राज्य खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2011 की सूची के अनुसार राज्य में गरीबी रेखा से ऊपर (एपीएल) परिवारों की कुल संख्या एक करोड़, 86 लाख, आठ हजार से ज्यादा है। इनमें 90 लाख, 56 हजार, 721 परिवारों के बीच राशन कार्ड का वितरण कर दिया गया है जबकि अभी भी 18 लाख, 11 हजार, 985 परिवार बिना राशन कार्ड के हैं। 

 गरीबी रेखा से नीचे गुजर बसर करने वाले (बीपीएल)  कुल परिवारों की संख्या एक करोड़, 12 लाख, 26 हजार, 939 है, इनमें 89 लाख, 76 हजार, 520 परिवारों के पास राशन कार्ड है जबकि 22 लाख, 50 हजार, 419 परिवारों के पास अभी भी राशन कार्ड नहीं है। इसी तरह अंत्योदय परिवारों में ऐसे एक लाख, 62 हजार, 495 परिवार हैं जिन्हें अभी भी राशन कार्ड का इंतजार है।

उल्लेखनीय है कि राशन कार्ड के लिए ग्रामीण विकास विभाग एवं शहरी क्षेत्र में नगर विकास विभाग परिवारों का सर्वेक्षण कराकर सूची उपलब्ध कराता है। इसी सूची के आधार पर खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग जिला प्रशासन को राशन कार्ड उपलब्ध कराता है, जिसका वितरण संबंधित परिवारों के बीच किया जाता है। खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि राज्य में वर्तमान समय में बीपीएल परिवार को 5.22 रुपये की दर से 10 किलो गेहूं और 6.78 रुपये की दर से 15 किलो चावल और केरोसिन तेल दिया जाता है।

अंत्योदय परिवारों के बीच दो रुपये की दर से 14 किलोग्राम गेहूं और तीन रुपये की दर से 21 किलो चावल और केरोसिन तेल प्रतिमाह दिया जाता है जबकि एपीएल परिवारों को केवल केरोसिन तेल ही उपलब्ध होता है। अधिकारी ने बताया कि वर्तमान समय में भी राशन कार्ड के वितरण का कार्य किया जा रहा है। राज्य के खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग के मंत्री श्याम रजक ने कहा कि सर्वेक्षित सभी परिवारों को राशन कार्ड उपलब्ध कराने की व्यवस्था की जा रही है। वह कहते हैं कि 31 अक्टूबर तक बीपीएल परिवारों को डिजिटल राशन कार्ड मुहैया कराया जाएगा।

एपीएल परिवार को हरा, बीपीएल परिवार को लाल और अंत्योदय परिवार को पीला कार्ड दिया जाता है। ग्रामीण क्षेत्र में मिलने वाले सभी कार्डों पर प्रखंड आपूर्ति अधिकारी के हस्ताक्षर होते हैं जबकि नगर निगम क्षेत्र में निगम आयुक्त द्वारा अधिकृत अधिकारी और आपूर्ति अधिकारी के हस्ताक्षर होते हैं। 

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