नीतीश कुमार ने कहा कि पुरातत्व स्थलों की खुदाई के मामले में भी बिहार की उपेक्षा होती रही है. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रविवार को कहा कि आजादी के बाद बिहार में नाम मात्र के लिए पुरातत्व स्थलों की खुदाई का काम हुआ है और इस मामले में भी इस प्रदेश की उपेक्षा ही हुई है.
बिहार के पर्यटन विभाग की वेबसाइट का रविवार को उद्घाटन करते हुए नीतीश ने कहा कि आजादी के बाद बिहार में नाम मात्र के लिए पुरातत्व स्थलों की खुदाई का काम हुआ है और इस मामले में भी इस प्रदेश की उपेक्षा हुई है. उन्होंने कहा कि सभी लोगों का यह मानना है कि जो देश का इतिहास है वह बिहार का इतिहास है और कुछ मामलों में यहां का इतिहास केवल देश ही नहीं पूरी मानव सभ्यता का इतिहास है.
नीतीश ने कहा कि बिहार में बहुत सारे पुरातत्व स्थलों का उत्खनन ही नहीं हुआ है जिसमें मधुबनी जिले में 126 एकड़ में फैला बलराज गढ़, नालंदा जिले के तेलहाड़ा में मौजूद टीला आदि शामिल है. उन्होंने कहा कि इसी प्रकार से वैशाली में मौजूद वैशाली गढ़ के एक कोने में खुदाई की गयी और उसका बाकी हिस्से की खुदाई किया जाना अभी बाकी है.
नीतीश ने कहा कि इतिहास के पन्नों पर धूल पड़ी हुई है और बिहार में मौजूद ऐसे पुरातत्व स्थलों की खुदाई कर धूल की उन परतों को हटाएंगे जिससे अपने इतिहास के बारे में और भी बेहतर तौर पर जान सकें. उन्होंने कहा कि इसके प्रति लोगों में जागृति पैदा करने के लिए उनकी सरकार ने बिहार विरासत समिति का गठन किया है.
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