महिला अध्यक्षों की सातवीं बैठक दिल्ली में. - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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मंगलवार, 2 अक्टूबर 2012

महिला अध्यक्षों की सातवीं बैठक दिल्ली में.


 कई देशों की संसदों की महिला अध्यक्ष बुधवार को दिल्ली में जुटेंगी. तीन और चार अक्तूबर को आयोजित संसदों की महिला अध्यक्षों की इस सातवीं बैठक का उद्घाटन राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी करेंगे. इसका आयोजन भारतीय संसद और अंतर संसदीय संघ के संयुक्त रूप से किया गया है. इस सम्मेलन के लिए 35 देशों की संसदों की महिला अध्यक्षों तथा संबंधित अधिकारियों को आमंत्रित किया गया है. 

संसद भवन के ऐतिहासिक केन्द्रीय कक्ष में आयोजित उद्घाटन समारोह में उपराष्ट्रपति मोहम्मद हामिद अंसारी और लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार के अलावा अंतर संसदीय संध के अध्यक्ष अब्दल वहद रादी एवं महिला सांसदों की अंतर संसदीय संघ समन्वय समिति की अध्यक्ष डा नूरहयाती अली असगफ हिस्सा लेंगी. इस बैठक का मुख्य विषय महिला संवेदी संसदें हैं. इसमें मातृ, शिशु और बाल स्वास्थ्य विषय पर एक अनुवर्ती सत्र आयोजित किया जायेगा. बैठक के अंत में एक निष्कर्ष दस्तावेज स्वीकार किया जायेगा. 
     
संयुक्त राष्ट्र महिला की कार्यकारी निदेशक सुश्री मिशेल बशेलेट संसद महिला और लोकतंत्र पर मुख्य भाषण देंगी. इस तरह की सातवीं दो दिवसीय इस बैठक के दौरान अनेक विषयों पर चर्चा होगी जिनमें संसदों में महिलायें बदलाव कैसे लाएं, महिला संबंधी मुद्दों के समाधान के लिए संसदों की क्षमता का निर्माण करना और महिला अध्यक्षों की विशिष्ट भूमिका शामिल है. 

अंतर संसदीय संघ (आईपीयू) महिला अध्यक्षों की सालाना बैठक का आयोजन करता है. इसका उद्देश्य संसद की सभी महिला अध्यक्षों को महिलाओं संबंधी राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय एजेंडों से जुड़े मुद्दों पर विचारों और अनुभवों का आदान प्रदान करने के लिए एक मंच प्रदान करना है. संसद की महिला अध्यक्षों की पिछली बैठक जुलाई 2010 में बर्न स्विट्जरलैंड में हुई थी और उसका विषय मुख्यरूप से महिला पुरूष समानता सुनिश्चित करने में आड़े आने वाली चुनौतियों के इर्द-गिर्द केन्द्रित था. 

संसद की महिला अध्यक्षों की पहली बैठक का आयोजन वर्ष 2005 में किया गया था जिसका उद्देश्य एक ऐसा मंच तैयार करना था जिसमें संसद की सभी महिला अध्यक्ष महिला पुरूष समानता संबंधी मुद्दों पर अपने विचारों का आदान प्रदान कर सकें. अंतर संसदीय संध की वेबसाइट पर उपलब्ध आकड़ों के मुताबिक दुनियाभर में 190 संसदों में से 77 में द्विसदनीय व्यवस्था है. 190 संसदों में केवल 37 महिलायें ही किसी एक सदन की पीठासीन अधिकारी हैं. इस प्रकार पीठासीन अधिकारियों के 274 पदों में से केवल 13 दशमलव 5 फीसदी महिलायें ही संसद के किसी एक सदन में पीठासीन अधिकारी के पद पर बैठी हैं. इन पदों में से 262 संसदीय चेम्बरों में प्रत्येक में एक पीठासीन अधिकारी, तीन चेम्बरों में दो दो पीठासीन अधिकारी तथा दो चेम्बरों में तीन तीन पीठासीन अधिकारी हैं.

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