ममता बनर्जी ने कहा है कि वो मल्टी ब्रांड रिटेल में एफडीआई के मुद्दे पर संसद में अविश्वास प्रस्ताव ला सकती हैं बशर्तें मुलायम उन्हें समर्थन दें. ममता बनर्जी ने पिछले दिनों यूपीए सरकार की कथित जनविरोधी नीतियों का हवाला देते हुए समर्थन वापस ले लिया था और तृणमूल कांग्रेस के सारे मंत्रियों ने इस्तीफा दे दिया था. इतना ही नहीं उन्होंने उन लोगों को भी बधाई दी जिन्होंने सरकार से इस्तीफा दिया.
दिल्ली के जंतर मंतर पर सरकार के फैसलों के विरोध में आयोजित रैली को संबोधित करते हुए ममता ने कहा कि वह जनता से बात करने के लिए दिल्ली आई हैं. हिंदी में भाषण देते हुए उन्होंने कहा कि वह आम आदमी के साथ हैं और हमेशा रहेंगी. सरकार के एफडीआई के फैसले का विरोध करते हुए ममता ने कहा कि इस फैसले से छोटी दुकानें बंद हो जाएंगी. आगे की रणनीति की घोषणा करते हुए ममता ने कहा 19 और 20 नवंबर को दिल्ली में धरना देंगे. उन्होंने यह भी कहा कि दो नवंबर को वह हरियाणा जाएंगी. ममता ने कहा कि संसद के अगले सत्र में वह सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव ला सकती हैं. उन्होंने कहा कि इसके लिए वह समाजवादी पार्टी के नेता मुलायम सिंह यादव और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से बात करेंगी.
सरकार पर तीखा प्रहार करते हुए ममता ने कहा कि केंद्र सरकार सीबीआई का इस्तेमाल करती है. उन्होंने कहा, 'महंगाई से देश का आम आदमी दुखी है. जब कोई सरकार के फैसलों के खिलाफ आवाज उठाता है तो सरकार उसे सीबीआई की धौंस दिखाती है. कांग्रेस को इतना गुस्सा क्यों आता है. सरकार ने देश को बेच दिया है. अब यह सरकार नहीं चलेगी. देश को बेचना आर्थिक सुधार नहीं है. सबको साथ लेकर चलना कामयाबी है.'
राजनीतिक मामलों के जानकार सोमवार 1 अक्टूबर की ममता की रैली को तृणमूल के शक्ति प्रदर्शन के रूप में भी देख रहे है. मनमोहन सरकार से समर्थन वापस लेने के बाद ममता का सरकार की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ यह पहली रैली है.
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