बी. एस. येदियुरप्पा |
कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बी. एस. येदियुरप्पा ने शुक्रवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से इस्तीफा देने की घोषणा करते हुए पार्टी नेतृत्व के एक धड़े पर उन्हें भाजपा से बाहर करने का षड्यंत्र करने का आरोप लगाया, जिसे उन्होंने अपनी जिंदगी के 40 साल दिए। शहर के फ्रीडम पार्क से एक जनसभा को सम्बोधित करते हुए येदियुरप्पा ने घोषणा की कि उन्होंने अपना इस्तीफा पार्टी अध्यक्ष नितिन गडकरी को भेज दिया है।
भाजपा को पहली बार कर्नाटक और किसी दक्षिण भारतीय राज्य में सत्ता (वर्ष 2008) में लाने वाले 69 वर्षीय येदियुरप्पा नौ दिसंबर को बेंगलुरू से 400 किलोमीटर उत्तर हावेरी में अपनी पार्टी कर्नाटक जनता पार्टी का गठन करेंगे। येदियुरप्पा इस बात से दुखी हैं कि खनन मामले में भ्रष्टाचार के आरोपों के बाद जुलाई 2011 में पार्टी के दबाव में मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद भाजपा नेतृत्व ने उन्हें कर्नाटक में पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष बनाने का वादा पूरा नहीं किया।
उन्होंने कहा, "मैं भारी दिल से भाजपा छोड़ रहा हूं, जिसे बनाने में मैंने अपनी जिंदगी के 40 साल दिए।" जनसभा से पहले येदियुरप्पा मंदिर गए। वहां से लौटकर संवाददाताओं से बातचीत करते वक्त वह भावुक हो गए। उनकी आंखों में आंसू थे। उन्होंने कहा, "इस पार्टी को बचाने के लिए मैंने अपनी जिंदगी कुर्बान कर दी।" उन्होंने कहा, "इस पार्टी ने हालांकि मुझे सबकुछ दिया, लेकिन मैं इसलिए पार्टी छोड़ रहा हूं, क्योंकि इसमें शामिल कुछ लोग नहीं चाहते कि मैं इसके साथ बना रहूं। इसलिए मैं पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देता हूं।"
येदियुरप्पा ने कहा कि हालांकि वह दोषी नहीं हैं, लेकिन भाजपा में शामिल कुछ लोगों ने उन्हें कठघरे में खड़ा कर दिया। येदियुरप्प ने यह भी कहा कि उन्होंने कर्नाटक में मुख्यमंत्री जगदीश शेट्टार के मंत्रियों एवं राज्य में भाजपा के विधायकों से अभी पार्टी नहीं छोड़ने के लिए कहा है, ताकि शेट्टार की सरकार अपना कार्यकाल पूरा कर सके, जो अगले साल मई में समाप्त हो रहा है।
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