नरकटियागंज (बिहार) की खबर (21 दिसंबर) - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।


शुक्रवार, 21 दिसंबर 2012

नरकटियागंज (बिहार) की खबर (21 दिसंबर)


नियोजन प्रक्रिया अब मजाक बना: राजेश 

बिहार सरकार की महात्वाकांक्षी तृतीय शिक्षक नियोजन प्रक्रिया अब मजाक बन कर न रह जाए, यह आशंका शिक्षक पात्रता परीक्षा उतीर्ण अभ्यर्थी संगठन के प्रदेश अध्यक्ष राजेश कुमार ने जताते हुए कहा है कि शिक्षक नियोजन में अब शिक्षा विभाग का तुगलकी फरमान कई राउण्ड में बटेंगे शिक्षक नियोजनपत्र! इससे सरकार शिक्षको में फूट डालकर अपना उल्लू सीधा करना चाहती है, क्योकि पहले चरण में नियोजित शिक्षक सीनियर बन जाएंगे और बाद वाले जूनियर तथा आपस में लड़ते रहेंगे। उनकी सेवा शर्ते भी उसी के अनुरूप विस्तारित किये जाते रहेंगे। इस प्रकार सरकार शिक्षक नियोजन प्रक्रिया में अंग्रेजो की पाॅलिसी अख्तियार कर रही है। ज्ञात हो कि माध्यमिक शिक्षक के कुल 17000 पद रिक्त है,जबकि 19000 प्रशिक्षित उम्मीद्वार है। इसके अलावे अप्रशिक्षित शिक्षक अभ्यर्थियो की संख्या भी करीब 50 हजार है। शिक्षा विभाग यदि पहले प्रशिक्षितो को नियोजनपत्र देती है तो नये शिक्षको की बहाली का आवेदन नही मांगना चाहिए था। प्रदेश अध्यक्ष ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा है कि जब सीट से अधिक प्रशिक्षित उम्मीद्वार मौजूद थे तो सरकार द्वारा अप्रशिक्षित शिक्षको की बहाली के लिए आवेदन की मांग करना, उनकी परीक्षा लेना, परीक्षा का परिणाम प्रकाशित कर नियोजन के लिए फार्म भरवाना उसके बाद मेधा सूची प्रकाशन पर रोक लगा देना बिहार की प्रतिभाओ का अपमान नही ंतो क्या है! सरकार की इस नीति से शिक्षक नियोजन प्रक्रिया महज सरकारी माखौल बन कर रह जाएगा। सरकार की कथनी व करनी में काफी अन्तर नजर आने लगा है। बिहार का सरकारी कार्यक्रम जनता के दरबार में मुख्यमंत्री भी एक खेल की भाँति है क्योकि नियमावली में सुधार को लेकर दोबार राजेश ने आवेदन दिया लेकिन उस पर कोई कार्रवाई नही की गयी और न उससे आवेदक को अवगत कराया गया। राज्य के सर्वोच्च कार्यक्रम में दिये आवेदन का यह हश्र है तो अन्य कार्यालयो में आम लोगो के आवेदन का क्या होता होगा, इसका अंदाजा कोई बुद्धिजीवी सहज लगा सकता है। प्रदेश अध्यक्ष ने बताया कि यदि सरकार कुछ करने में असमर्थ है तो माननीय पटना उच्च न्यायालय निश्चित रूप से शिक्षक नियोजन नियमावली 2012 में संशोधन के लिए बिहार सरकार को कहेगा। पात्रता परीक्षा उतीर्ण अभ्यर्थी संगठन ने सरकार से मांग किया है कि दिसम्बर 2012 तक सरकार सभी को एक साथ नियोजन पत्र मुहैया कराने की घोषणा करे अन्यथा बाध्य होकर सभी अभ्यर्थी जनवरी 2012 में पटना के गाँधी मैदान में शिक्षक नियोजन अधिकार रैली के आयोजन में शामिल होंगे। इतना ही नहीं सरकार को इसका खामियाजा लोकतंत्र के आगामी महापर्व में भुगतना पड़ेगा।

डायन बता कर पीटा

शिकारपुर थाना अन्तर्गत चेंगवना गाँव में एक 55 वर्षीया महिला को डायन बताकर पंचायती के दौरान मारने पीटने व गाली देने का मामला प्रकाश में आया हैं। इस बाबत पीडि़ता गेना देवी ने शिकारपुर थाना पहुंची है । चेंगवना निवासी अंजु कुमारी पुत्री महेश शर्मा ने बताया कि उसे गेना देवी ने जादू टोना किया, जबकि गेना का कहना है कि वह मानसिक रोगी है। इस बात को लेकर चेंगवना में शुक्रवार को गेना देवी पति जगन्नाथ शर्मा के दरवाजे पर पंचायत बुलाई गयी थी। जिसमें पिंटू तिवारी, मिथिलेश तिवारी, कन्हैया राम, सुरेश राम समेत दर्जनो लोग शामिल थे। उसी दौरान गेना देवी को महेश शर्मा, सुमित्रा देवी, शेषनाथ शर्मा और संतोष शर्मा और उनके सहयोगियो ने बौखलाकर गाली दिया और थप्प्ड़ से मारा। बीच बचाव करने पहुंचे गेना के पति जगरनाथ शर्मा, देवर हरदेव शर्मा और भसुर के पुत्र अजय शर्मा को भी उन लोगो ने समर्थको के साथ मारा पीटा।

भूमि विवाद का मामला दर्ज

गौनाहा प्रखण्ड के मटियरिया थाना अन्तर्गत डडरौल गाँव में भूमि विवाद को लेकर हुए मारपीट में काण्ड संख्या 32/12 दर्ज कर लिया गया है । सूत्र बताते है कि जहरूद्दीन अंसारी की जमीन पर असलम अंसारी व तीन अन्य जबरन कब्जा कर रहे थे । इसी दौरान जहरूद्दीन ने रोकने की कोशिश की तो उसे मारा पीटा । उसके बाद जहरूद्दीन ने मटियरिया थाना पहुंचकर थानाध्यक्ष केके मांझी को आवेदन दिया जिसपर उन्होने प्राथमिकी दर्जकर अनुसंधान प्रारम्भ कर दिया है।

वार्ड उप चुनाव रामचन्द्र जीते

गौनाहा प्रखण्ड के दोमाठ पंचायत के वार्ड नम्बर 3 बलबल गाँव में वार्ड सदस्य पद के लिए हुए उप चुनाव में रामचन्द्र निषाद ने चन्द्रिका मुखी को पराजित कर दिया । प्रखण्ड से मिली जानकारी के अनुसार रामचन्द्र निषाद को 221 मत प्राप्त हुए है। निर्वाची पदाधिकारी मो हस्जाम ने बताया कि उसे प्रमाण पत्र निर्गत करने की प्रक्रिया जारी हैं।

पंचायत राज अधिनियम का उल्लंघन 
  • वरीय सदस्य ने की जांच की मांग


नरकटियागंज प्रखण्ड में पंचायती राज अधिनियम का उलंघन किया जा रहा है। पंखण्ड पंयायत समिति के कुशल संचालन के लिए विभिन्न समितियो का गठन किया जाना था, लेकिन डेढ वर्ष बीत जाने के बाद भी उसका गठन नहीं किया जा सका है। जिससे पंचायत समिति का कार्य निश्चित रूप से बाधित हो रहा है। राज्य सरकार और जिला प्रशासन द्वारा विभिन्न मदो के लिए विकास मद में आवंटित राशि की जानकारी माननीय सदस्यो को नहीं दी जाती ह,ै और पंचायत समिति सदस्यो को उसकी जानकारी बैठको मे नही देकर राजनीतिक दवाब मे उसका आवंटन भी पक्षपात पूर्ण किया जाता है। जिसकी वजह से कुछ चहेते समितियो को लाभ पहंुचता है। कुछ समिति ऐसे भी हैं जिन्हे डेढ वर्ष बीत जाने के बाद भी कोई विकास कार्य करने को नहीं मिला और नही उन क्षेत्रो में कोई विकास कार्य हो सका है। उपर्युक्त जानकारी देते हुए बीडीसी के वरीय सदस्य व पूर्व उप प्रमुख आलोक प्रसाद वर्मा उर्फ ओम बाबू ने बताया कि प्रखण्ड विकास समिति की बैठके विधिवत नहीं की जाती है, बिहार राज्य पंचायत अधिनियम में उल्लेखित प्रावधानो के अनुसार समिति सदस्यों को बैठक की जानकारी 10 दिन पूर्व दी जानी चाहिए। ऐसी कोई सूचना अधिकांश सदस्यो को नहीं दी जाती है, जिससे 16 दिसम्बर 2012 से होने वाले निर्वाचित प्रतिनिधियो के प्रशिक्षण से माननीय सदस्य वंचित रह गये। उपर्युक्त सभी मामलो के संबंध में श्री वर्मा ने कार्यपालक पदाधिकारी प्रखण्ड विकास समिति सह प्रखण्ड विकास पदाधिकारी नरकटियागंज को आवेदन देकर ध्यान आकृष्ट किया है कि पंचायत समिति के माध्यम से सरकार द्वारा प्रदत राशि से लगाये जा रहे चापाकल के हेड क्रय किया गया है, वह निम्न स्तरीय है, सरकारी राशि का दुरूपयोग किया गया है। इस कार्य में लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग का सहयोग न लेकर चहेते बिचैलियो के माध्यम से काम कराया गया है। सरकार व प्रशासन इसके लिए पीएचईडी से निविदा कराकर सही काम करावे और उसमें पूर्ण पारदर्शिता बरते। बीडीओ को दिये आवेदन में उन्होने कहा है कि माननीय बीडीसी द्वारा चयनित स्थल पर चापाकल नहीं लगा कर राजनैतिक दवाब में सूची में हेराफेरी कर चयनित स्थलो में बदलाव किया जा रहा है, जिसकी जांच करते हुए नियमानुसार विसंगतियो की जांच करायी जाए। पंचायतो में बीज, कीटनाशक व उर्वरक वितरण के दौरान माननीय सदस्यो को सूचीत नहीं किया गया। प्रखण्ड परिसर में निर्माणाधीन नाली, चाहरदिवारी, स्लैब के निर्माण में निम्नश्रेणी के ईंट, बालू और सीमेन्ट व छड़ का उपयोग किया जा रहा है। ऐसे में अभिकर्ता को जाँचोपरान्त भुगतान किया जाए। आलोक प्रसाद वर्मा ने जो पत्र बीडीओ को भेजा है उसपर 18 बीडीसी ने हस्ताक्षर किये है। उसकी प्रतिलिपि मंत्री, पंचायती राज बिहार सरकार,प्रधान सचिव पंचायती राज विभाग,जिला पदाधिकारी, प.चम्पारण, उपविकास आयुक्त प.चम्पारण,एसडीओ नरकटियागंज और माननीया प्रमुख नरकटियागंज को प्रेषित किया है।



(अवधेश कुमार शर्मा)

कोई टिप्पणी नहीं: