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गुरुवार, 27 दिसंबर 2012

बिहार महिलाओं के लिए ज्यादा सुरक्षित.


बिहार दुष्कर्म के मामले में देश में अन्य राज्यों की तुलना में महिलाओं के लिए ज्यादा सुरक्षित है. दिल्ली में चलती बस में युवती के साथ सामूहिक दुष्कर्म की घटना के बाद महिलाओं के साथ ज्यादती के खिलाफ कड़े कानून बनाने और दुष्कर्मियों को फांसी की सजा देने को लेकर नए सिरे से बहस शुरू हो गई है. नेशनल क्राइम ब्यूरो रिकॉर्ड के अनुसार वर्ष 2011 में दुष्कर्म के मामले में देश में बिहार का 11वां स्थान है, जहां पूरे देश के दुष्कर्म के 3.9 प्रतिशत मामले दर्ज किए गए.

आंकड़ों के अनुसार देश में दुष्कर्म के सर्वाधिक 14 फीसदी मामले मध्य प्रदेश में दर्ज किए गए. पिछले वर्ष बिहार में जहां दुष्कर्म के 934 मामले दर्ज हुए, वहीं मध्य प्रदेश में 3,406 मामले दर्ज किए गए. बिहार राज्य पुलिस मुख्यालय के आंकड़ों के अनुसार इस वर्ष अक्टूबर तक बिहार के विभिन्न थानों में महिलाओं के साथ दुष्कर्म के 823 मामले दर्ज किए गए, जबकि वर्ष 2011 में यह आंकड़ा 934 था। इसी तरह वर्ष 2010 में 795 और 2009 में दुष्कर्म के 929 मामले दर्ज हुए थे. पिछले 12 वर्षो के आंकड़ों पर गौर किया जाए तो राज्य में सर्वाधिक 1,122 दुष्कर्म के मामले वर्ष 2007 में दर्ज किए गए थे. वर्ष 2008 में यह आंकड़ा गिरकर 1,041 तक पहुंच गया था. 

भले ही बिहार में आंकड़े इस बात की गवाही दे रहे हों कि बिहार आमतौर पर अन्य कई राज्यों से महिलाओं के लिए सुरक्षित हैं, परंतु विपक्षी दल इससे अलग विचार रखते हैं. राष्ट्रीय जनता दल के महासचिव और सांसद रामकृपाल यादव कहते हैं कि बिहार के इस कथित सुशासन राज्य में महिलाएं किसी भी स्थिति में सुरक्षित नहीं हैं. यादव कहते हैं कि कई मामलों में तो पीड़िता थाने तक ही नहीं पहुंच पाती, जबकि कुछ मामले थानों में दर्ज ही नहीं होते. उन्होंने आरोप लगाया है कि वर्तमान सरकार केवल आंकड़ों का खेल, खेल रही है. लेकिन सत्ता पक्ष इससे सहमत नहीं है.

सत्तारुढ़ गठबंधन के घटक भाजपा के प्रवक्ता संजय मयूख कहते हैं कि राज्य में महिलाओं की सुरक्षा का पूरा ख्याल रखा जाता है. संजय कहते हैं कि सभी जिलों में महिला थाने स्थापित किए गए हैं, जबकि गया में 2010 में जापानी महिला पर्यटक के साथ सामूहिक दुष्कर्म के मामले में फास्ट ट्रैक कोर्ट से 30 दिनों के अंदर ही दुष्कर्मियों को सजा दिलवाकर पूरे देश के सामने नजीर पेश की गई थी. पुलिस का कहना है कि महिलाओं की सुरक्षा के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं. वरिष्ठ पुलिस अधिकारी कहते हैं कि दुष्कर्म के कई मामले फास्ट ट्रैक कोर्ट में चल रहे हैं, जबकि पूरे राज्य में वाहनों के काले शीशे हटाने का अभियान चलाया जा रहा है.

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