कोड़ा के सहयोगी अनिल वस्तावड़े हिरासत में. - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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गुरुवार, 31 जनवरी 2013

कोड़ा के सहयोगी अनिल वस्तावड़े हिरासत में.


झारखंड के पूर्व मुंख्यमंत्री मधु कोड़ा के सहयोगी अनिल वस्तावड़े को चार हजार करोड़ रुपये के घोटाले में चौदह दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया. मुख्य आरोपी अनिल वस्तावड़े को बुधवार को इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता से भारी सुरक्षा के बीच रांची लाकर प्रवर्तन निदेशालय की विशेष अदालत में पेश किया गया.

प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों ने बुधवार शाम अनिल वस्तावड़े को रांची के प्रवर्तन निदेशालय के विशेष न्यायाधीश आरके चौधरी की अदालत में पेश किया. अदालत ने उसे चौदह दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया. इस मामले की सुनवाई अब 11 फरवरी को होगी.

प्रवर्तन निदेशालय की ओर से इस घोटाले के मुख्य आरोपी अनिल वस्तावड़े की रिमांड न मांगे जाने के कारणों के बारे में पूछे जाने पर निदेशालय के वकील एसआर दास ने बताया कि जकार्ता से इंटरपोल की रेड कार्नर नोटिस के माध्यम से पकड़ कर वस्तावड़े को लाये जाने में शाम हो गयी थी और अदालत का समय लगभग खत्म होने वाला था. इसी वजह से पूरे मामले पर जांच अधिकारी के साथ विस्तार से चर्चा नहीं की जा सकी थी.
उन्होंने बताया कि इसी कारण ईडी ने वस्तावड़े को पूछताछ के लिए रिमांड पर नहीं मांगा लेकिन जैसे ही उससे पूछताछ की तैयारी कर ली जायेगी अदालत में उसे रिमांड पर लेने का आवेदन दिया जायेगा.

मधु कोड़ा से जुड़े चार हजार करोड़ रुपये के घोटाले में हवाला से जुड़े मामले में यह आठवीं गिरफ्तारी है जबकि ईडी के अनुसार अभी भी इस मामले में संजय चौधरी समेत कम से कम छह आरोपी फरार हैं. वस्तावड़े को 21 जनवरी को इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता में गिरफ्तार किया गया था.

इस मामले की जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय और केन्द्रीय जांच ब्यूरो के अधिकारियों के अनुसार झारखंड के तत्कालीन मुख्यमंत्री मधु कोड़ा के 2006 से 2008 के कार्यकाल के दौरान उसने विभिन्न कंपनियों को खनिजों के खदानों का पट्टा दिलाने के एवज में अकेले कम से कम ढाई सौ करोड़ रुपये अवैध ढंग से बनाये और कोड़ा तथा उनके सहयोगियों की अवैध ढंग से कमायी गयी हजारों करोड़ रुपये की राशि को विदेशों में हवाला के माध्यम से कथित रूप से निवेश कराया.

पूना के इस 48 वर्षीय व्यापारी को प्रवर्तन निदेशालय मधु कोड़ा से जुड़े हवाला घोटाले में प्रमुख आरोपी मानता है और उसने दावा किया है कि उससे पूछताछ और उसे और मधु कोड़ा को आमने सामने बैठा कर वह पूरे घोटाले पर से पर्दा हटाने में सफल होगी.

प्रवर्तन निदेशालय के अनुसार कोड़ा से जुड़े हवाला मामले में अबतक 3400 करोड़ रुपये के घोटाले का पता चल चुका है. इस राशि में वस्तावड़े से जुड़ी संपत्तियां और उसके निवेश की गयी राशि का जोड़ा जाना शेष है. इस मामले में अबतक पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा, उसके सहयोगियों विनोद सिन्हा, विकास सिन्हा, मनोज पुनमिया, विजय जोशी, अरविंद व्यास समेत सात लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. इस मामले में सबसे पहले 30 नवंबर, 2009 को झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा गिरफ्तार हुए थे और वह तभी से इस मामले में न्यायिक हिरासत में रांची के बिरसा मुंडा जेल में बंद हैं.

अभी दो दिनों पूर्व सर्वोच्च न्यायालय में भी उनकी जमानत याचिका खारिज हो गयी. हालांकि सर्वोच्च न्यायाल ने प्रवर्तन निदेशालय से इस मामले की जांच 45 दिनों में पूरी कर लेने को कहा है. आरोप है कि निर्दलीय कोड़ा ने अपने दो वर्षों के मुख्यमंत्रित्व काल में जमकर ऐश किया और कांग्रेस तथा राजद के बाहरी सहयोग से बनायी गयी सरकार में घोटाले से कमायी गयी हजारों करोड़ रुपये की राशि दुबई, अन्य खाड़ी के देशों, दक्षिण पूर्व के देशों और अन्य स्थानों पर हवाला के माध्यम से निवेश कराया. इस कार्य में विनोद सिन्हा, विकास सिन्हा और अनिल वस्तावड़े ने कथित रूप से उसकी मदद की.

दुबई में रह रहे संजय चौधरी पर भी आरोप है कि उसने भी कोड़ा और उसके सहयोगियों की सैकड़ों करोड़ रुपये की राशि का खाड़ी देशों में निवेश किया है लेकिन अभी उसे सीबीआई गिरफ्तार नहीं कर सकी है.

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