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गुरुवार, 24 जनवरी 2013

असंवेदनशील पुलिस, जीवित को बता दिया मृत


  • बिना जाने बूझे नेहरू कॉलोनी पुलिस ने कर दिया उलट पलट



नेहरू कॉलेानी पुलिस की गलती से एक जीवित व्यक्ति के बारे मे उनके दिवंगत होने का समाचार प्रकाशित हो गया जबकि अमूक व्यक्ति एक अस्पताल में स्वास्थ्य लाभ कर रहे हैं। साफ जाहिर है कि कुछ पुलिसकर्मी मीडिया को देने वाली सूचनाओं को लेकर गंभीर नहीं है। और न ही सूचनाओं की सार्थकतां एवं गंभीरता को लेकर कोई संजीदगी ही बरती जाती है। आमतौर पर तो थानेदार अपने फोन ही नहीं उठाते लेकिन यदि उनकी जगह पर किसी अन्य पुलिसकर्मी ने पफोन उठा भी लिया तो अर्थ का अनर्थ कर देते हैं। एक शिक्षक के दुर्घटनाग्रस्त होने पर नेहरू कॉलोनी पुलिस ने बिना छानबीन किए ही उन्हें मृत बता दिया। 

दो रोज पहले ही ऐसी गलती सामने आई है। शिक्षकांें के सम्मेलन में भाग लेने के लिए गोचर के एक अध्यापक 40 वर्षीय राकेश सेमवाल भी आए थे। रात को वह अपने एक रिश्तेदार के साथ उसके घर जाने के लिए अजबपुर से निकले। इसी दौरान उनकी एक्टिवा सामने से आते ट्रक से टकरा गयी। उन्हंे तत्काल सीएमआई अस्पताल ले जाया गया जहां से परिजन उन्हें मैक्स में ले गए। इधर समाचार पत्रों के संवाददाताओं ने जिले भर से सूचनाओं को एकत्रित करना शुरू किया तो नेहरू कॉलोनी पुलिस द्वारा बताया गया कि एक शिक्षक की सड़क दुर्घटना में मृत्यु हो गयी। संवाददाताओं ने भी पुलिस की इस सूचना पर श्री सेमवाल की मृत्यु का समाचार प्रकाशित कर दिया। इधर अगले रोज जब परिजनेां ने इस समाचार को पढ़ा तो उनके पैरों तले जमीन खिसक गयी। पुलिस अधिकारियों ने भी इस सूचना को देने वाले दरोगा के खिलाफ कार्रवाई की और उसे चौकी से हटा दिया।

इस प्रकार के गंभीर मामले में भी पुलिस पहले अपनी तरफ से क्यों पूरी पुष्टि नहीं करती। मीडिया पुलिस द्वारा दी जाने वाली सूचनाओं को सटीक मानती हैं और उनके आधार पर समाचार प्रकाशित भी करती है। सूचनाओ को लेकर आखिर पुलिस संजीदगी और गंभीरता क्यों नहीं बरतती। अगर दुर्घटना में किसी की मृत्यु हुई है तो पुलिस ने पंचनामा भी भरा होगा और शव को पोस्टमार्टम के लिए भी भेजा होगा। जिंदा व्यक्ति को मरा हुआ बताने के बाद भी पुलिस ने अपनी गलती नहीं सुधारी और न ही यह पता लगाने का प्रयास किया कि अमूक व्यक्ति के संदर्भ में आगे की क्या कार्रवाई की गयी। यदि संबंध्ति पुलिसकर्मी द्वारा ऐसा किया जाता तो निश्चित तौर पर समय पर इस गलती को सुधरा जा सकता था और  एक स्वास्थ्य लाभ कर रहे व्यक्ति के बारे में ऐसा समाचार प्रकाशित नहंी होता। हम भी अपने प्रकाशन के माध्यम से श्री सेमवाल के लंबी जीवन एवं शीघ्र स्वास्थय लाभ की कामना करते हैं।



(राजेन्द्र जोशी)

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