लिएंडर पेस |
अखिल भारतीय टेनिस संघ (एआईटीए) और आठ खिलाड़ियों के बीच जारी विवाद को लेकर पहली बार अपनी चुप्पी तोड़ते हुए देश के सबसे सीनियर टेनिस खिलाड़ियों में से एक लिएंडर पेस ने बुधवार को कहा कि व्यक्तिगत हितों से अधिक अहम खेल है। पेस, जो कि सोमदेव देवबर्मन के नेतृत्व में विरोध करने वाले खिलाड़ियों से दूर रहे, ने कहा कि उनके लिहाज से विद्रोह जरूरी नहीं है लेकिन संघ और खिलाड़ियों के बीच व्यापक संवाद जरूरी है।
दक्षिण कोरिया के साथ होने वाले डेविस कप मुकाबलों के लिए अभ्यास करने पहुंचे पेस ने कहा, "मैं व्यक्तिगत तौर पर मानता हूं कि विद्रोह जरूरी नहीं, लेकिन संवाद के रास्ते हमेशा खुले रहने चाहिए। हम एक बात भूल रहे हैं कि सबसे बड़ा खेल है। यह सर्वोपरि होना चाहिए। अगर यही नहीं रहा तो संघ, खेल, दर्शक और मीडिया का कोई मतलब नहीं रह जाएगा।"
उल्लेखनीय है कि सोमदेव के नेतृत्व में सात खिलाड़ियों, जिनमें महेश भूपति, रोहन बोपन्ना और युकी भाम्बरी भी शामिल हैं, ने अपनी मांगे नहीं माने जाने के विरोध में दक्षिण कोरिया के खिलाफ खेलने से इंकार कर दिया। इसके बाद संघ ने बिल्कुल नई टीम उतारी।
पेस ने कहा कि आस्ट्रेलियन ओपन के दौरान उन्होंने सोमदेव और कुछ अन्य खिलाड़ियों से बात की थी और उन्हें समझाया था कि उनके करियर के लिए क्या अच्छा है। पेस के मुताबिक उन्होंने खिलाड़ियों से कहा था कि खेल और राष्ट्र किसी भी बात या चीज से बड़े होते हैं।
यह पूछे जाने पर कि उन्होंने सोमदेव से क्या कहा? पेस बोले, "मैं उस बात को सार्वजनिक नहीं कर सकता लेकिन मैंने उनसे करियर को लेकर बात की। मैंने कई और खिलाड़ियों से बात की। मैंने उन्हें बताया कि राष्ट्र के लिए खेलने का मौका सबको नहीं मिलता और यह बात कभी भी दोयम साबित नहीं होनी चाहिए। राष्ट्र सर्वोपरि है।"
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