यौन उत्पीड़न विधेयक पारित. - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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गुरुवार, 28 फ़रवरी 2013

यौन उत्पीड़न विधेयक पारित.

वह नियोक्ता जिनके यहां दस से ज्यादा कर्मचारी हैं, अब उन्हें कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न की शिकायतों की जांच के लिए आंतरिक शिकायत समिति गठित करनी होगी और ऐसा नहीं करने पर उन पर 50 हजार रूपए तक का जुर्माना किया जा सकता है या उनका लाइसेंस रद्द किया जा सकता है।

 संसद द्वारा कार्यस्थल पर महिलाओं का यौन उत्पीड़न (निरोधक, प्रतिबंधात्मक और निवारण) विधेयक 2012 कल पारित कर दिए जाने के बाद महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि उन सभी कार्यस्थलों, जहां दस अथवा उससे ज्यादा कर्मचारी हैं, उन्हें इस कानून के तहत आंतरिक शिकायत समिति गठित करनी होगी। यह समिति चार सदस्यीय होगी और इसकी अध्यक्षता वरिष्ठ महिला कर्मचारी को सौंपी जाएगी।

मंत्रालय के अनुसार अगर कोई नियोक्ता कानून के तहत अपने दायित्वों का निर्वहन ठीक तरह से नहीं करता तो उस पर 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा और उल्लंघन का सिलसिला जारी रहने पर दुगुना जुर्माना और उसके बाद लाइसेंस रद्द करने की कार्यवाही की जाएगी। मंत्रालय के सचिव प्रेम नारायण ने संवाददाताओं को बताया कि यह नियोक्ता का दायित्व है कि वह आईसीसी का गठन करे और इसमें असफल रहने पर उसपर जुर्माना लगाया जा सकता है।

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