रेल बजट ने झारखंड को किया निराश - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

बुधवार, 27 फ़रवरी 2013

रेल बजट ने झारखंड को किया निराश


 रेल बजट ने झारखंडवासियों को निराश किया है। पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा ने मंगलवार को कहा कि रेल बजट से झारखंड के लागों को निराशा हाथ लगी क्योंकि राज्य को कोई नई ट्रेन नहीं दी गई। राज्य अभी राष्ट्रपति शासन के अधीन है। राज्य में रेल बजट को लेकर काफी उम्मीदें थीं। लोग बजट में नई ट्रेनों और मौजूदा ट्रेनों के फेरे में वृद्धि की आशा किए हुए थे। रेल मंत्री पवन कुमार बंसल ने रेल बजट को मंगलवार को पेश किया।

बजट प्रस्ताव ने केवल रांची-नई दिल्ली गरीब रथ का फेरा बढ़ाया गया है। इसे सप्ताह में दो से बढ़ाकर तीन दिन किया गया है। भाजपा के नेता अर्जुन मुंडा ने कहा, "यह झारखंड के लिए निराशाजनक बजट है। हर बार झारखंड की उपेक्षा की जाती है। इस बार भी राज्य के लोगों की उपेक्षा की गई।"

कश्यप मेमोरियल आई हॉस्पिटल के निदेशक भारती कश्यप ने कहा, "खनिज से समृद्ध झारखंड रेलवे के कोष में सबसे ज्यादा राजस्व देता है। यह निराशाजनक है कि राज्य की राजधानी रांची को रेल संपर्क से देश के अहम शहरों से जोड़ा जाना अभी बाकी है।" राज्य के लोगों ने तत्काल टिकटों की बुकिंग शुल्क में की गई वृद्धि की भी आलोचना की। 

कोई टिप्पणी नहीं: