रेल बजट ने झारखंडवासियों को निराश किया है। पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा ने मंगलवार को कहा कि रेल बजट से झारखंड के लागों को निराशा हाथ लगी क्योंकि राज्य को कोई नई ट्रेन नहीं दी गई। राज्य अभी राष्ट्रपति शासन के अधीन है। राज्य में रेल बजट को लेकर काफी उम्मीदें थीं। लोग बजट में नई ट्रेनों और मौजूदा ट्रेनों के फेरे में वृद्धि की आशा किए हुए थे। रेल मंत्री पवन कुमार बंसल ने रेल बजट को मंगलवार को पेश किया।
बजट प्रस्ताव ने केवल रांची-नई दिल्ली गरीब रथ का फेरा बढ़ाया गया है। इसे सप्ताह में दो से बढ़ाकर तीन दिन किया गया है। भाजपा के नेता अर्जुन मुंडा ने कहा, "यह झारखंड के लिए निराशाजनक बजट है। हर बार झारखंड की उपेक्षा की जाती है। इस बार भी राज्य के लोगों की उपेक्षा की गई।"
कश्यप मेमोरियल आई हॉस्पिटल के निदेशक भारती कश्यप ने कहा, "खनिज से समृद्ध झारखंड रेलवे के कोष में सबसे ज्यादा राजस्व देता है। यह निराशाजनक है कि राज्य की राजधानी रांची को रेल संपर्क से देश के अहम शहरों से जोड़ा जाना अभी बाकी है।" राज्य के लोगों ने तत्काल टिकटों की बुकिंग शुल्क में की गई वृद्धि की भी आलोचना की।
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