देहरादून, 28 फरवरी। बैसाखियों के सहारे राज्य में सरकार बनाने वाली बहुगुणा सरकार उत्तराखंड में कांग्रेस के सियासी वजूद को मजबूत करने को हरसंभव प्रयास करने में लगी है। राज्य और केन्द्र सरकार के महारथियों ने हालांकि अभी तक यहां की जनता से किए वायदों और घाषणाओं को पूरा नहीं किया है। इधर पूरे देश के साथ ही उत्तराखंड में लोकसभा चुनाव 2014 के मद्देनजर सियासी सरगर्मियां धीरे-धीरे परवान चढ़ रही है। अब प्रदेश में मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा और केन्द्रीय जल संसाधन मंत्री हरीश रावत के लिए लोकसभा चुनाव उनके राजनीतिक सफर का सबसे अमह मोड़ साबित हो सकता है।
वहीं जहंा मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा नई-नई विकास योजनाओं की घोषणाओं से प्रदेश की आबादी को रिझाने का प्रयास करने में लगे हैं तो वहीं दूसरी ओर केन्द्रीय मंत्री हरीश रावत केन्द्र सरकार द्वारा जल्द अमल में लाई जाने वाली ‘अन्न का अधिकार’ योजना में जनता का ध्यान फोकस ाकर प्रदेश की 69 फीसद आबादी का रूख कांग्रेस के पक्ष में मोड़ने की जुगत में लग गए हैं। इस योजना के बीपीएल और अन्तोदय की श्रेणियों को खत्म कर सभी को दो रूपये किलो गंेहू और तीन रुपये किलो चावल दिये जाने की तहत केन्द्र सरकार की मंशा है। हालांकि संसदीय पैनल की सिफारिशों के मुताबिक ‘अन्न का अधिकार’ श्रेणीबद्ध लोगों को पांच किलो गंेहू और चावल दिया जायेगा लेकिन केन्द्र सरकार ने खाद्य सुरक्षा बिल में गरीब तबको को सात किलो अनाज और सामान्य वर्गो को समर्थन मूल्य की आधी कीमत पर अनाज देने की है। फिलहाल को अभी योजना केंद्र सरकार की फाइलों में धूल फांक रही है, लेकिन राज्य में खुद की सियासी पकड़ मजबूत करने को केन्द्रीय मंत्री हरीश रावत ने सार्वजनिक रूप से योजना का प्रचार करना शुरू कर दिया है।
(राजेन्द्र जोशी)
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