केन्द्रीय महिला एवं बाल विकास राज्यमंत्री कृष्णा तीरथ ने बुधवार को कहा कि हम बच्चों को दिल के करीब रखना चाहते हैं क्योंकि देश का हर बच्चा भविष्य में अच्छा नागरिक बने और इसलिए हम बाल अपराधियों की उम्र 18 साल से घटाना नहीं चाहते।
तीरथ ने राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान किशोर न्याय कानून में बदलाव के बारे में पूछे गए पूरक प्रश्नों का उत्तर देते हुए यह जानकारी दी। गौरतलब है कि राजधानी में एक चलती बस में 16 दिसंबर को एक छात्रा के साथ गैंगरेप की घटना के बाद देश में यह बहस छिड़ गई कि क्या बाल अपराध की उम्र 18 वर्ष से कम कर दी जाए, क्योंकि पीड़िता के साथ हुए रेप अभियुक्तों में एक अभियुक्त 17 वर्ष पांच महीने का था।
तीरथ ने कहा कि चार जनवरी को राज्यों के मुख्य सचिवों तथा पुलिस महानिदेशकों की बैठक में बाल अपराधियों की उम्र 18 वर्ष से कम करने का सुझाव आया था, पर वर्मा समिति ने अपनी रिपोर्ट में इस सुझाव को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि देश में 42 प्रतिशत बच्चे हैं। इस तरह उनकी आबादी 44 करोड़ है, पर अपराध की घटनाओं में उनका प्रतिशत 0.01 प्रतिशत है। ये बच्चे छोटे-मोटे अपराध करते हैं, मसलन पैसे चुराना, भूख लगने पर वस्तुओं की चोरी आदि। इसलिए बाल अपराधियों की उम्र 18 वर्ष से कम करने के पक्ष में सरकार नहीं है, क्योंकि बच्चों देश का भविष्य हैं। हम उन्हें समझाना चाहते हैं।
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