नफ़रत फ़ैलाने के एक मामले में भारतीय जनता पार्टी के नेता व सांसद वरुण गांधी को पीलीभीत कोर्ट ने बरी कर दिया है। हालांकि वरुण गांधी की मुश्किलें खत्म नहीं हुई हैं। उनके ख़िलाफ़ एक केस अभी बाकी है। इस केस में वरुण को राहत मिली है उसमें उनके ख़िलाफ़ किसी ने गवाही नहीं दी।
गौरतलब है कि वरुण गांधी पर नफरत फैलान के भाषण में यूपी की मायावती सरकार ने मुकदमा दायर किया था। दो स्थानों पर वरुण ने ऐसे बयान दिए थे जो तथाकथित रूप आपत्तिजनक थे। मायावती सरकार ने वरुण गांधी पर एनएसए कानून भी लगा दिया था। इसी मामले में वरुण गांधी के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी हुआ था और बतौर सांसद उन्होंने आत्मसमर्पण किया था जिसके बाद उन्हें कुछ दिन जेल में भी बिताना पड़ा था। तब से वरुण गांधी जमानत पर रिहा हैं।
आज जिस मामले में वरुण गांधी बरी हुए हैं उसमें उनके खिलाफ 51 गवाह थे जिनमें से कोर्ट में एक ने भी अपनी गवाही नहीं दिए थे। इस मामले में पुलिस के पास उनके भाषण की वीडियो रिकॉर्डिंग नहीं थी जबकि दूसरे मामले में पुलिस के पास वीडियो रिकॉर्डिंग उपलब्ध है। इस मामले में पुलिस ने अभी तक वरुण गांधी की आवाज का नमूना नहीं लिया है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें