उत्तराखंड की खबर (21 अप्रैल) - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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रविवार, 21 अप्रैल 2013

उत्तराखंड की खबर (21 अप्रैल)


कांग्रेस सरकार की कुनियत का शिकार पूर्व सैनिक: नौटियाल  

देहरादून, 21 अप्रैल। सैनिक प्रकोष्ठ भाजपा के प्रदेश संयोजक कर्नल सी0 एम0 नौटियाल ने भाजपा प्रदेश कार्यालय पर एक पत्रकार वार्ता को सम्बोधित करते हुए प्रदेश कांग्रेस पार्टी एवं सरकार पर राज्य के सैनिकों, पूर्व सैनिकों एवं उनके परिवार एवं परिजनों के हितों की अनदेखी किये जाने का अरोप लगाया एवं वर्षों से सफलता पूर्वक चली आ रही सैनिकों एवं उनके आश्रितों के लिये अलग-अलग समय पर कार्यान्वित की गई बेलफेयर योजनाओं को ब्यक्तिगत स्वार्थ एवं पार्टी स्वार्थ के लिये इसके वर्तमान स्वरूप को घ्वस्त कर अपने स्वार्थ के लिए परिवर्तित करने का घोर विरोध किया। कर्नल नौटियाल ने सर्व प्रथम पंतनगर एयरपोर्ट के समीप पत्थरचट्टा क्षेत्र में 1423 एकड़ के सैनिक फार्म को प्रदेश कांग्रेस सरकार द्वारा अधिग्रहण कर इसे प्राइवेट कंपनियों को बेचे जाने का मुद्दा उठाया। 500 करोड रू0 के मूल्य वाला यह सैनिक फार्म 1962 में पूर्व सैनिको एवं सैनिक विधवाओं के बच्चों को छात्रवृति एवं बेटियों के विवाह के लिए आर्थिक सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से बनाया गया था। अब तक इसका संचालन, देख-रेख एवं प्रबन्धन सैनिक कल्याण निदेशालय के तहत किया जाता रहा है। इसकी वार्षिक आय 2011-12 में 5 करोड के लगभग रही है। आर्थिक रूप से कमजोर पूर्व सैनिक परिवार एंव सैनिकों की विधवायें इससे लाभान्वित हुई है। परिणामस्वरूप बेलफेयर की यह योजना बहुत कारगर सिद्ध हुई है। हाल ही में कांग्रेस सरकार की कुदृष्टि इस योजना पर पड़ी है जिसके तहत उन्होने इस योजना को घ्वस्त कर अपने निजी स्वार्थ एवं हित के लिए इसके अधिग्रहण की योजना बनाई है ताकि प्राईवेट सेक्टर को औने-पौने दामों में बेच कर एवं मोटा कमीशन लेकर अपनी जेब भारी कर ली जाय। प्रदेश कांग्रेस सरकार की कुनियत का शिकार पूर्व सैनिक, सैनिकों की विघवाओं एवं उनके बच्चों को बनना होगा यह लगभग तय है। सरकार की दलील है कि  वे एक मुश्त पैसा सैनिक कल्याण निदेशालय मे जमा करवा देंगे पर इस राशि के ब्याज से होने वाली आय क्या हर वर्ष 10 से 15 प्रतिशत से हो रही पूर्व सैनिकों की संख्या में हो रही बढोतरी की आवश्यकताओं को पूरा कर पायेगी? जबकि फार्म की की आय तो हर वर्ष इस दर से बढनी निश्चित है। साथ ही भूमि की लागत भी प्रतिवर्ष बढनी तय है। कर्नल नौटियाल ने कहा कि भारत की सैन्य शक्ति भौगोलिक एवं अन्तर्राष्ट्रीय सीमाओं पर बढते तनाव के मघ्यनजर तेज गति से बढनी सुनिश्चित है। इन हालातों  में सेना को अतिरिक्त यूनिटें खड़ी करनी होंगी। ऐसे समय मे यह सैनिक फार्म बड़ा लाभदायक सिद्व होगा। यदि यह भूमि  प्राईवेट सैक्टर को दे दी गई तो फिर नई युनिटों/ब्रिगेडों/डिविजनों को प्रशिक्षण के लिये कहां स्थान मिलेगा। कांग्रेस सरकार को देश हित से अधिक अपनी जेबों की चिंता है। जो राष्ट्र के लिए घातक सिद्व होगा। सामरिक दृष्टि से भी चीनी शक्ति का मंथन करने पर भारतीस सेना के वरिष्ठ अधिकारियों ने इस सैनिक फार्म का उपयोग एवी.एसन. शक्ति के विस्तार एवं मानव रहित विमानों (द्रोण) के अॅापरेशन के लिए बहुत उपयुक्त माना है और इसके लिए उन्होंने राज्य सरकार से पिछले एक वर्ष के भीतर इस सैनिक फार्म के अतिरिक्त इससे लगी हुई 1500 एकड़ अतिरिक्त भूमि की भी माॅंग की है। थल मार्ग से रसद एवं लड़ाई की सामग्री लेह भेजने के लिए यदि कभी भी कोई व्यवधान आता है तो इस सैनिक फार्म को एडमिनिसस्टेटिव वेस बनाकर यहां से हवाई मार्ग से लेह में रसद एवं लड़ाई का सामान भेजा जा सकता है। इस प्रकार भौगोलिक एवं सामरिक दृष्टि से भी यह सेना के लिए महत्वपूर्ण स्थान है।

कर्नल नौटियाल ने दूसरा मुद्दा उत्तराखण्ड पूर्व सैनिक निगम लि0 (उपनल) का जोर शोर से उठाया। उन्होने कहा कि उपनल की स्थापना सैनिको एवं उनके परिवारजनों के पुर्नवास की समस्या के मध्यनजर हुई थी। एक सैनिक 16-17 वर्ष की आयु में सेना में भर्ती होता है। और 34-35 की आयु में सेवा निवृत हो जाता है। उस समय उसका पारिवारिक एवं सामाजिक उत्तरदाईत्व प्रारम्भ होता है। आय भी पेंशन के रूप मे बहुत कम हो जाती है। जबकि परिवारिक जिम्मेवारियां उफान पर होती है। उसकी आय में बढोतरी हो सके इस उद्देश्य से समानान्तर प्रवेश के रूप मे उसके लिये उपनल की स्थापना की गई। उसके आश्रितों एवं बच्चों को भी रोजगार के साधन उपनल के माध्यम से उपलब्ध हों इस दिृष्टिकोण के तहत उपनल की रचना की गई थी। पर यह एक चैकाने वाला तथ्य रहा है कि विगत डेढ़ वर्षो में लगभग 13 हजार युवाओं को उपनल के माध्यम से नौकरी पर रखा गया जिसमें से पूर्व सैनिको के 4500 बच्चो की ही नौकरी दी गई शेष 8500 युवा सिविल से लिये गये। यहां भी उपनल जिन मुद्दों/उदेश्यों को लेकर बनाया गया था वह प्रदेश कांग्रेस सरकार द्वारा पूर्णतः नजरन्दाज कर दिये गये हैं। इससे पूर्व सैनिक एवं उनके परिवार के लोगों में घोर आक्रोस ब्याप्त है। बाजार मे तो हवा गर्म है कि 8500 सिविल युवाओं से बटोरी मोटी रकम उपनल के माध्यम से कांग्रेस सरकार के अधिकारियों के खातों में जमा हुई है। उपनल के नियमों की इस प्रकार से धज्जियां उड़ जाना, बाजारी हवा से उठे संदेह एवं संशय को विश्वास में परिवर्तित करता है। कर्नल नौटियाल ने कहा कि उपनल के सी0 एम0 डी0 का पद मूलतः सेना के अधिकारियों के पुनर्वास के मध्यनजर ब्रिगेडियर (से.नि.) के लिये सुरक्षित किया गया था। पर कांग्रेस सरकार ने चेयरमैन का पद एक राजनैतिक व्यक्ति को देकर सैनिकों से सम्बन्धित इस संगठन का राजनीतिकरण कर दिया है जो उपनल जैसे गैर राजनीतिक संगठन के लिये घातक सिद्ध हो सकता है। इस पद पर अधिकार मूलतः एक सैनिक अधिकारी का होना चाहिए।
      
कर्नल नौटियाल ने खटीमा एवं उधमसिंहनगर मे बर्षो से खरीद की भूमि पर अपना भवन निमार्ण कर अपने परिवार का पालन पोषण कर रहे असंख्य पूर्व सैनिको की दयनीय स्थिति पर चर्चा की। दूर्भाग्य की बात है कि प्रदेश कांग्रेस सरकार थारू, बोक्सा आदि जनजाति के लोगों के द्वारा पूर्व सैनिकों को पूर्व में बेची गई भूमि को वापिस लेने के लिए भडका/उकसां रही है। खटीमा एवं उधमसिंहनगर में इन पूर्व सैनिकों ने अपने खून पसीने की कमाई से यह भूमि खरीदी थी। उन्होने सारी धन दौलत इस भूमि पर लगा दी थी। अब जबकि पूर्व सैनिकों ने अपनी हड्यिों को चूर-चूर कर इस भूमि का अच्छा खासा विकास कर दिया है तो कांग्रेस सरकार उनसे उनकी भूमि छिनवाने का षडयंत्र रच रही है। इससे यहां के पूर्व सैनिक एवं उनके परिवारजनांे में घोर आक्रोश है। कांग्रेस सरकार यहां बोट बंैक की नीति कर रही है। जो अन्ततः घातक सिद्व होगा। यहां यह तथ्य भी उजागर करना अनुचित न होगा कि हाल ही के सितारगंज के विधानसभा के उपचुनाव में प्रदेश कांग्रेस सरकार ने यहां की जनता को यह विश्वास दिलाया था कि इस क्षेत्र के पूर्व सैनिकों की इस समस्या का निराकरण उनके हक में शीघ्र ही किया जायेगा। इस आश्वासन के तहत ही इस क्षेत्र के पूर्व सैनिकों ने एक मुस्त कांग्रेस को वोट देकर मा0 वर्तमान मुख्यमंत्री जी को विजयी बनाया था पर एक वर्ष का कार्यकाल समाप्त होने पर भी इस समस्या का निवारण तो अलग पर इस पर चर्चा तक नही हुई है जिससे स्थानीय पूर्व सैनिकों में गहरा आक्रोस छाया हुआ है। उन्होनें कहा कि देवभूमि उत्तराखण्ड सैनिकों के मानसम्मान, स्वाभिमान अस्मिता एवं भावनाओं के साथ कांग्रेस सरकार जो मजाक, खिलवाड एवं उपहास कर रही हैं सैनिक इसका प्रतिकार करेंगे। प्रदेश के सैनिक देश की अखण्डता एवं सुरक्षा के लिये अपनी साहदत देता आया है जिस पर समस्त प्रदेश को गर्व है। पर यदि उनके अधिकारों पर स्वार्थ रूपी शस्त्रों का इस प्रकार प्रहार होता रहा तो वे  कांग्रेस सरकार के विनाश की कामना ही करेंगे।

छहः साल तक शारिरीक शोषण का आरोप लगाय

देहरादून, 21 अप्रैल । देशभर में महिलाओं के शारीरिक शोषण और उत्पीड़न की घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही है। सूबे की राजधानी दून में आज एक युवती ने कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराते हुए एक युवक पर शादी का झांसा देकर छह-सात साल तक शारीरिक शोषण करने का आरोप लगाया है। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार खुडबुडा निवासी एक युवती ने कोतवाली में तहरीर दी है कि मेरठ निवासी एक युवक कुछ साल पहले उसके सम्पर्क में आया था। लंबे समय तक मेल-मुलाकातों के कारण दोनों के बीच प्यार भी परवान भी चढ़ने लगा। युवती का आरोप है कि युवक जो जिसका नाम विपिन रस्तोगी है और वह साकेत काॅलोनी मेरठ का रहने वाला है, ने पहले युवती का विश्वास जीता और फिर उससे शादी करने का वायदा करके उसका शारीरिक शोषण शुरू कर दिया। युवती द्वारा पुलिस को दी  गयी जानकारी के अनुसार पिछले छह-सात साल से युवती युवक के सम्पर्क में है। इस दौरान विपिन रस्तोगी उसे कई बार घुमाने-पिफराने के बहाने ऋषिकेश, हरिद्वार, मसूरी और दिल्ली तथा गाजियाबाद भी लेकर गया। युवती का आरोप है कि विपिन पिछले कई साल से उसके शारारिक संबध् बनाता रहा है। युवती द्वारा सालों से चले आ रहे इस क्रम को तोड़ने और शादी करने के लिए जब युवक पर दबाव बनाया गया तो वह इससे सापफ मुकर गया। साथ ही उसने युवती को जान से मारने की ध्मकी भी दी अगर उसने इस बारे में किसी को कुछ बताया तो उसे जान से हाथ धोना पड़ सकता है। अपने साथ हुए इस धोखे के बारे में युवती ने जब अपने परिजनों को बताया तो वह भी सन्न रह गये। आखिरकार आज पीडि़त युवती और उसके परिजनों ने आरोपी विपिन रस्तोेगी के खिलापफ कोतवाली में तहरीर देकर मुकदमा दर्ज करा दिया है। 

चुनावी तैयारियां जोरों पर 

देहरादून, 21 अप्रैल । जैसे-जैसे मतदान की तवारीख करीब आ रही है वैसे-वैसे प्रत्याशियों के साथ प्रमुख पार्टियों की धड़कनें भी तेज हो चली है। यहीं वजह है कि वोटों के ध्रुवीकरण का निकायों की सत्ता हथियाने को पार्टियों के कद्दावर प्रत्याशियों के कदम से कदम मिलाकर पफील्डवर्क पर उतर आये है। खासकर सत्तारूढ़ं कांग्रेस के मंत्राी और विधायक जनसम्पर्क के दौरान अब उन्हें गली मोहल्लों की समस्याएं भी नजर आ रही है और वोटों को रिझाने के लिए पिफर वहीं पुराना फंडा अपना रहे है। अमूख समस्या के हल को विधायक निधि से पैसा उपलब्ध कराकर लोगों को समस्या से निजात दिलाया जायेंगी लेकिन यह दावें सिर्फ चुनावी सीजन की मौसमी बहार है जो निकायों की सत्ता हाथ आते ही गुम हो जायेंगी और समस्याएं जहां की तहंा रहेंगी। निकायों की सत्ता हथियाने की कोशिश में राजधानी के सभी गली मोहल्लों में सत्तारूढ़ कंाग्रेस के मंत्री और विधायक भी  प्रत्याशियों के कंधे से कंधा मिलाकर डोर टू डोर दस्तक देकर वोट की फरियाद करते नजर आते है। साथ ही वोटर को रिझाने को क्षेत्रीय समस्याएं देखने और उनके हल का भरोसा देने में उनसे कोई चूक होने की गुजांईश ही नहीं नजर आती है। क्योंकि मसला वोटों के ध्रुवीकरण का है आज इसी कोशिश में काबीना मंत्राी दिनेश अग्रवाल खुद के समर्थकों और वार्ड 41 से पार्षदी के पार्टी  प्रत्याशी दमन राणा के साथ गली मोहल्लों के घरों में वोट के खातिर दस्तक देते रहे है ऐसे में कुछ एक मोहल्लों के लोगों में सीवरेज, बिजली और पानी की समस्याओं को भी काबीना मंत्री समक्ष जोरदार ढंग से उठाया। पिफर क्या था मंत्री जी उन्हें समस्या के प्रभावी हल के लिए विधयक निधि  से पैसा मुहाया कराने का भरोसा देते रहे और साथ ही पार्टी प्रत्याशी को समस्या तत्काल हल कराने का निर्देशभी दिया। 




(राजेन्द्र जोशी)

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