छतरपुर जिला में स्टाम्प बिक्रेता आयकर विभाग को नही दे रहे जानकारी
- करोड़ों की संपत्ति खरीदने बाले -आयकर विभाग का लगा रहे चूना ,विभाग मौन
छतरपुर - भारत सरकार की आय का मुख्य स्त्रोत आयकर विभाग है, आयकर विभाग के आय से ही भारतीय पुॅजी से देष में विकाष के कार्य होते है लेकिन छतरपुर जिला में आयकर विभाग की चोरी करने बालों पर आयकर विभाग का षिकंजा ढीला होने के कारण आयकर की चोरी खुले आम हो रही है । आय विभाग व्दारा बनाये गये नियमों का अनेक व्यापारी व नागरिक पालन नही कर रहे है । मध्य प्रदेष आयकर विभाग भोपाल व्दारा मध्य प्रदेष बाणिज्यकर पंजीयन एवं मुदाॅक विभाग को अनेक पत्र लिखने के बाद भी आयकर विभाग के पास संपत्ति खरीदने एवं बैचने बालों की जानकारी नही जा रही है जिससे आयकर की चोरी हो रही है । आयकर की चोरी कराने में पंजीयन विभाग की अहम भूमिका बताई जा रही है । छतरपुर जिला की सभी तहसीलों में लगातार तीन सालों से करोड़ों की संपत्ति खरीद बिक्रय हो रही है लेकिन एक भी व्यक्ति के पास आयकर विभाग का नोटिस नही आ रहा है जिससे स्पष्ट है कि आयकर विभाग को छतरपुर जिला की जानकारी नही दी जा रही है , जब तक इंटरनेट पर आयकर विभाग का बर्जन लोड नही हो रहा है तभी तक आयकर विभाग की चोरी करने बालों की मजा ही मजा है । नौगाॅव नगर के किराना एवं गल्ला व्यापारियेां के पास दो दो करोड़ की राषि नगद रहती है लेकिन आयकर विभाग उनके यहाॅ छापा नही मार रही है ।
मध्य ्रपदेष आयकर विभाग व्दारा पंजीयन विभाग को भेजे गये अनेक पत्रों का पंजीयन विभाग ने आज तक जबाब देना ही उचित नही समझा है , आयकर विभाग के आदेष है कि यदि कोई व्यक्ति 5 लाख की या उससे अधिक मूल्य की संपत्ति खरीद करता है तो उनकी जानकारी प्रत्येक माह भोपाल दी जावे लेकिन ऐसा नही हो रहा है जबकि पंजीयन विभाग 5 लाख के पंजीयन होने बाले दस्तावेज में आयकर विभाग का फार्म 60 व 61 की खाना पूर्ति तो कर रहा है लेकिन उसकी जानकारी नही दी जा रही है इसी प्रकार से 30 लाख मूल्य की संपत्ति केा दस्तावेज पंजीयन होने पर उसकी जानकारी तत्काल सीडी बनाकर भोपाल बिषेष रूपसे भेाजना आवष्यक है लेकिन यह भी नही हो रहा है । छतरपुर जिला मूल्याॅकन समिति व्दारा बर्ष 2013-14 के लिए छतरपुर जिला के छतरपुर, राजनगर, नौगाॅव, लवकुषनगर, बिजावर, बक्स्वाहा उप पंजीयक कार्यालयों में जो संपत्ति के मूल्य निर्धारित किये गये है उसके अनुसार छतरपुर जिला में सौ से अधिक दस्तावेज 30 लाख रू0 से अधिक मूल्य के दस्तावेज पंजीयन हो चुके है । भू-माफियाॅ जो कृषि भूमि खरीदकर आयकर की चोरी करते है वही व्यक्ति खेती की जमीन से आवासीय प्लाट बनाकर करोड़ों रूप्या की आय करने के बाद भी आयकर अदा नही कर रहे है । इसी प्रकार छतरपुर जिला में अनेक ऐसे स्टाम्प बिक्रेता है जो 20 से 30 लाख रू0 की लागत लगाकर प्रतिबर्ष 1 अप्रेल से 31 मार्च तक 1.5 लाख से 5 लाख रू0 तक की ष्षुध्द राजस्व आय प्राप्त कर रहे है वह आयकर विभाग का रिर्टन तक नही भर रहे है । जबकि स्टाम्प खरीदने एवं बैचने बालों का पूरा रिकार्ड उप कोषालय अधिकारियेां के पास होता है । आयकर अधिकारियों को चाहिए िकवह स्टाम्प बैचने बालों की आय कर पता लगाये , इसके वाद पंजीयन विभाग से 5 लाख से अधिक की संपत्ति खरीदने एवं बैचने बालों की सूची तैयार कराये , जो भू-माफिया एक साल में 5 लाख से 50 लाख तक के आवासीय प्लाट बैचने के बाद आयकर जमा नही कर रहे है उनकी जानकारियाॅ एकिित्रत की जाकर भारत सरकार की राजस्व आय को चुना लगाने बालों के बिरूध्द बसूली एवं दण्डात्मक कार्यावाही भी होना चािहये ।
जानकार सू.त्रों से पता चला है कि नौगाॅव उप पंजीयक कार्यालय में झाॅसी उत्तर प्रदेष के दो किसानों ने 30 अप्रेल 2013 को दस्तावेज नं0 124, व 125 पंजीयन होने पर 2 करोड़ की संपत्ति खरीदी है , संपत्ति खरीदने एवं बेचने बालों के पास आयकर विभाग से संपत्ति खरीदने की कोई अनुमति नही थी लेकिन उसके बाद भी उप पंजीयक कार्यालय में दस्तावेज पंजीयन हो चुके है ।
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