पृथ्वी की सतह से करीब 400 किलोमीटर की ऊंचाई पर अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष केंद्र से उत्तरी प्रकाश (नार्दन लाइट) के भव्य नजारे को देखकर अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स आध्यात्मिक हो गईं।
सुनीता ने कहा कि अंतरिक्ष में रहने से आपका दृष्टिकोण बदल सकता है। अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष केंद्र में खराब हुये उपकरणों से लटकते समय मैंने पृथ्वी की सतह से 400 किलोमीटर की ऊंचाई से नार्दन लाइटस को देखा। उस समय मुझे यह आश्चर्य हुआ कि वहां पर कुछ और है क्या?
उन्होंने कहा कि नार्दन लाइटस को देखने के बाद मैंने सोचा कि इस ब्रह्मांड में अत्यधिक ऊर्जा है। हम नार्दन लाइटस के बारे में जानते हैं। हम जानते हैं कि यह संभवत: सौर गतिविधियों की वजह से आती है जब इसका संपर्क पृथ्वी के चुंबकत्व के साथ होता है। लेकिन इस सभी ऊर्जा से मेरे ऊपर यह असर पड़ा कि हम ब्रह्मांड में बहुत छोटे हैं। नार्दन लाइटस को अउरोरा बोरेअलिस के नाम से जाना जाता है और इसे अक्सर उत्तरी क्षेत्र में देखा जाता है। रोमन में सुबह की देवी को अउरोरा और यूनानी में उत्तरी हवा को बोरेअलिस कहा जाता है।
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