भूमि अधिग्रहण विधेयक पर मंगलवार को सर्वदलीय बैठक में आम राय कायम नहीं हो पाई, जिससे सरकार को सर्वदलीय बैठक की दूसरी तारीख 18 अप्रैल को तय करनी पड़ी। एक मंत्री ने बताया कि चर्चा के दौरान मामूली प्रगति हुई। संसदीय कार्य मंत्री कमलनाथ ने बैठक के बाद संवाददाताओं को बताया, "हमारे बीच कुछ मामूली से मतभेद रह गए हैं और हमने 18 अप्रैल को फिर से बैठक करने का फैसला किया है।"
उन्होंने कहा कि सभी पार्टियों को 15 अप्रैल तक सुझाव सौंप देने के लिए कहा गया है। दलों के सुझाव 16 अप्रैल को प्रसारित कर दिए जाएंगे और इसके बाद अगली बैठक होगी। भूमि अधिग्रहण, पुनर्वास विधेयक 2011 के जरिए परियोजनाओं की स्थापना को लेकर भूमि अधिग्रहण से जुड़ी समस्याओं का समाधान करने की व्यवस्था की जाएगी।
यह विधेयक भूमि अधिग्रहण और विस्थापितों के पुनर्वास की व्यवस्था करेगा और यह भूमि अधिग्रहण अधिनियम 1894 की जगह लेगा। कमलनाथ ने कहा कि हालांकि सभी पार्टियां इस विधेयक के शीघ्र पारित कराने के पक्ष में हैं, लेकिन उनके विधेयक पर कतिपय सुझाव हैं। वरिष्ठ भाजपा नेता सुषमा स्वराज ने कहा कि उनकी पार्टी ने अपने 12 सुझावों की सूची सरकार को सौंप दी है।

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