सिविल एविएशन मिनिस्ट्री ने शेड्यूल्ड एयरलाइंस को कुछ सर्विसेज को बेस फेयर से अलग करने की इजाजत दे दी है। अब वे इन सर्विसेज के लिए अलग से चार्ज ले सकेंगी।' इन सेवाओं में प्रेफेरेंशल सीटिंग, मिल्स/स्नैक्स/ड्रिंक्स (पानी को छोड़) चेक इन बैगेज, स्पोर्ट्स और म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट और एयरलाइन लाउंज शामिल होंगे। हर 6 महीने में इस लिस्ट की समीक्षा होगी।
एक सरकारी अधिकारी के अनुसार यूरोपीय एयरलाइंस रेयान एयर और मलयेशियाई बजट एयरलाइंस एयर एशिया के रेवेन्यू मॉडल की समीक्षा करने के बाद इस पॉलिसी को तैयार किया गया है। सरकार ने यह फैसला उस समय लिया है जब एयर एशिया भारत में अपने ऑपरेशंस की शुरुआत करने वाली है। एयर एशिया के रीजनल मैनेजर सुरेश नायर ने ईटी को बताया कि इस तरह के बदलाव का स्वागत है।
यह काफी हद तक एयर एशिया के ऑफर की तरह है, जिसमें पैसेंजर्स के पास अपनी जरूरत के अनुसार सर्विसेज चुनने की आजादी होगी।' बजट एयरलाइंस अपनी रेवेन्यू का पांचवां हिस्सा एयरपोर्ट चेक-इन, रीडिंग मैटेरियल, प्रेफेरेंशल सीट, ब्लैंकेट, तकिया जैसी सर्विसेज के चार्ज के जरिये जुटाती है। जो यात्री इन सेवाओं को नहीं लेंगे उनको अडिशनल फेयर चुकाने की जरूरत नहीं होगी। इंडिगो के प्रेजिडेंट आदित्य घोष ने ईटी को बताया, 'भारत को ग्लोबल प्रैक्टिस की तरफ ले जाने की दिशा में यह बहुत बड़ा और बढिय़ा कदम है। यात्रियों को उनकी मनमर्जी से मेन्यू के आधार पर चार्ज सेवा देगा। एक्सपटर्स का मानना है कि इस कदम से भारत में यात्रियों को सस्ता टिकट ऑफर करने में बहुत मदद नहीं मिलेगी।
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