जाने-माने फिल्म डायरेक्टर ऋतुपर्णो घोष का कोलकाता में गुरुवार सुबह करीब साढ़े सात बजे हार्ट अटैक से निधन हो गया है। घोष अभी महज 49 साल के थे। ऐश्वर्या राय के साथ उनकी फिल्में चोखेर बाली (2003), रेनकोट (2004) और अमिताभ के साथ द लास्ट लियर (2007) काफी चर्चित रही थीं। उन्हें बंगाली फिल्म 'आबहमान' के लिए बेस्ट डायरेक्टर का नैशनल अवॉर्ड मिला था। घोष कुल मिलाकर 12 बार नैशनल फिल्म अवॉर्ड्स से नवाजे गए थे।
कोलकाता में जन्मे और पले-बढ़े घोष को फिल्म निर्माण की सीख घर से ही मिली। उनके पिता डॉक्युमेंट्री फिल्म मेकर थे। घोष ने करियर की शुरुआत बच्चों के लिए फिल्म बनाने के साथ की। इसके बाद उन्होंने बंगाली और हिंदी सिनेमा में हाथ आजमाया। बंगाली फिल्म चित्रांगदा ऋतुपर्णो घोष की आखिरी फिल्म थी। वह इन दिनों रविंद्रनाथ टैगोर पर एक डॉक्युमेंट्री बना रहे थे। घोष के निधन की खबर से फिल्म जगत में शोक की लहर दौड़ गई। फिल्मी हस्तियों ने ट्विटर पर इसका इजहार किया।
फिल्म डायरेक्टर मधुर भंडारकर ने लिखा, 'ऋतुपर्णो घोष के निधन की खबर से मैं सदमे में हूं। मैं ऋतु से कुछ-एक मौकों पर मिला था। वह बेहद गर्मजोश इंसान थे। उन्हें बहुत याद किया जाएगा।' वहीं बॉलिवुड ऐक्टर कबीर बेदी ने लिखा, 'ऋतुपर्णो घोष के आकस्मिक निधन से सन्न हूं... बेहद क्रिएटिव डायरेक्टर। हमने हाल में टैगोर प्रोजेक्ट पर बात की थी।
हाल ही में खबर आई थी कि बांग्ला फिल्मों के चर्चित डायरेक्टर ऋतुपर्णो बॉलिवुड में धमाकेदार एंट्री की तैयारी कर रहे थे। इसके लिए वह अजय देवगन और करीना कपूर को साइन करना चाहते थे। अपनी फिल्मों को जल्दी कम्प्लीट करने के लिए मशहूर थे , जिसके कारण न तो निर्माता को परेशानी होती है और न ही फिल्म साइन करने वाले कलाकारों को। इसके अलावा , ऋतुपर्णो जैसे निर्देशक के साथ काम करना हर कलाकार का सपना होता है।
.jpg)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें