भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष शशांक मनोहर ने मांग की है कि आईपीएल छह के सभी मैचों की किसी बाहरी जांच एजेंसी से जांच कराई जाए। मनोहर ने कहा कि क्रिकेट को साफ सुथरा करने के लिए बीसीसीआई को बोर्ड और अन्तरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद की भ्रष्टाचार रोधी एवं सुरक्षा इकाइयों पर निर्भर नहीं रहना चाहिए क्योंकि इनके पास अवैध गतिविधियों को पकडऩे का अधिकार नहीं है मसलन फोन टेपिंग।
पूर्व बोर्ड अध्यक्ष ने कहा, बीसीसीआई को तत्काल जांच एजेंसियों के पास आपराधिक शिकायत दर्ज करानी चाहिए और उनसे आईपीएल के सभी मैचों की जांच करने का आग्रह करना चाहिए। मनोहर ने कहा, बोर्ड को इन मैचों की प्रसारण फुटेज और हर स्थल पर रिकार्ड की गई सीसीटीवी फुटेज जांच एजेंसी को उपलब्ध करानी चाहिए। बीसीसीआई को बड़ी सख्ती से स्पॉट फिक्सिंग और सट्टेबाजी से निपटना होगा। बोर्ड या भ्रष्टाचार रोधी इकाइयों के पास अवैध गतिविधियों को पकडऩे का कोई कानूनी अधिकार नहीं है इसलिए उसे इन एजेंसियों पर निर्भर नहीं रहना चाहिए।
आईपीएल में स्पॉट फिक्सिंग के कारण भले ही बीसीसीआई को लेकर सवाल खड़े किए जा रहे हों लेकिन सरकार ने जब तक बहुत जरूरी नहीं हो तब तक हस्तक्षेप करने से इन्कार किया है लेकिन साफ किया कि क्रिकेट की इस संस्था को पारदर्शी होना चाहिए और भ्रष्टाचार को रोकने के लिये उसकी उद्देश्यपरक प्रणाली होनी चाहिए। कानून मंत्री कपिल सिब्बल ने कहा कि सरकार को जितना संभव हो खेलों से दूर रहना चाहिए क्योंकि इससे खेलों को नुकसान होगा। उन्होंने कहा कि सरकार खेलों को नहीं चला सकती है।
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1 टिप्पणी:
मान लीजिए साबित हो गया सभी मैच फिक्स थे, इससे होगा क्या ? जब साफ हो गया कि गरुनाथ मयप्पन चेन्नई सुपर किंग्स का मालिक है। उसने खुद सट्टेबाजी में शामिल होना स्वीकार कर लिया है। इसके बाद भी टीम को आईपीएल से बाहर नहीं किया गया। बहुत मोटी कहें कि जानवरों वाली चमड़ी है श्रीनिवासन की तो गलत नहीं होगा।
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