आखिर कबतक महिलाएं डायन और बांझपन के कलंक से कलंकित होती रहेंगी? - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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रविवार, 30 जून 2013

आखिर कबतक महिलाएं डायन और बांझपन के कलंक से कलंकित होती रहेंगी?

  • पटना में महादलित महिला मुंगिया देवी को डायन कह कर हत्या कर दी गयी
  • गया में महादलित कुन्ती देवी को बांझ कहकर अपमानित किया जा रहा है


डायन प्रथा (फ़ाइल)
गया। आजादी के 66 साल के बाद भी महादलित मुसहर समुदाय के बीच में अज्ञानता व्याप्त है। पटना जिले के पालीगंज प्रखंड में महादलित महिला मुंगिया देवी को डायन करार करके मौत के घाट उतार दिया गया। वहीं गया जिले बोध गया प्रखंड में महादलित कुन्ती देवी को बांझ कहकर अपमानित किया जा रहा है।  

 पटना जिले के पालीगंज प्रखंड में महादलित महिला मुंगिया देवी की हत्या कर दी गयी। उस पर डायन होने का आरोप है। लाठी-डंडे से उसपर बौछार किया गया कि उसकी मौके पर ही मौत हो गई। सोमवार को देर शाम पालीगंज थाने के सियारामपुर मुसहरी में हुई डायन बता 70 वर्षीया महादलित महिला मुंगिया की हत्या होने से स्थानीय लोगों में अफरातफरी मच गई। घटना को उसके पड़ोस में रहने वाले जेलर मांझी व अन्य लोगों ने अंजाम दिया और चंपत हो गए। इस मामले में मृतका के पुत्र विमल मांझी के बयान पर प्राथमिकी दर्ज की गई जिसमें जेलर समेत पांच लोगों को नामजद किया गया है। पिछले कई दिनों से मुंगिया को डायन बताकर प्रताड़ित किया करता था। इसको लेकर कई बार दोनों के बीच नोकझोंक भी हुई। जेलर उससे इस बात के लिए खफा था कि मुंगिया के चलते ही उसके परिवार के लोग परेशानी में हैं। उसने कई बार मुंगिया को कहा कि तुम इस तरह का काम मत करो। हालांकि मुंगिया बार-बार कहती रही कि वह डायन नहीं है। शाम में मुंगिया घर के दरवाजे पर बैठी थी। इसी बीच जेलर व अन्य लोग उसपर डायन होने का आरोप लगाते हुए गाली-गलौज करने लगा। मृतका ने जब इसका विरोध किया तो उसपर लाठी-डंडे से हमला कर दिया। इससे उसके सिर पर गंभीर चोटें आई। वहीं थानेदार का कहना है कि डायन बताकर उसकी हत्या नहीं की गई है। उन्होंने कहा कि मुंगिया व आरोपी के बीच में आपसी विवाद था। वैसे पुलिस सभी संभावनाओं पर तफ्तीश करने में जुटी है। 
  गया जिले के बोध गया प्रखंड के मगध विश्वविघालय थानान्तर्गत बड़की बभनी में दारू मांझी रहते हैं। इनका विवाह कुन्ती देवी के संग हुआ है। कुन्ती देवी की आयु 23 साल है। दोनों दम्पति को विवाह के बाद बच्चा नहीं हुआ है। इसके कारण गांव के लोग कुन्ती देवी को बांझ कहकर पुकारने लगे। ऐसा करने से कुन्ती देवी को काफी दुख लगता है। प्राकृतिक प्रदत उपहार के रूप में कुन्ती देवी को बच्चा नहीं मिल पा रहा है। गरीबी के कारण दारू मांझी भी इलाज करवाने में अक्षम साबित हो रहा है। 

 इस बीच विजय मांझी की पत्नी शीला देवी और संजय मांझी की पत्नी जानकी देवी ने कुन्ती देवी को बांझपन का उलाहना देकर अपमानित करने लगे। जब इसका विरोध कुन्ती देवी ने की तो बाल पकड़कर मारने पर उतारू हो गये। पटकपटक कर मारने लगे। इस तरह के अत्याचार देखकर कारी देवी और पारो देवी आकर बीच बचाव कर झगड़ा छुड़वाने में सफल हो गये। 

इसकी लिखित शिकायत मगध विश्वविघालय, बोध गया के थानाध्यक्ष से की गयी। थानाध्यक्ष और मोचारिक ग्राम पंचायत के मुखिया ने मिलकर मामले को सलटा दिये हैं। इसके बाद गांव के लोग बांझ कहना छोड़ दिये हैं।  



---अलोक-कुमार---
पटना 

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