झारखंड उच्च न्यायालय ने सीबीआई अदालत में विचाराधीन चारा घोटाले से संबंधित मामले के स्थानांतरण के संबंध में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) अध्यक्ष लालू प्रसाद की अर्जी पर शुक्रवार को फैसला सुरक्षित रख लिया। फैसला सोमवार को सुनाया जा सकता है। लालू प्रसाद की ओर से पैरवी कर रहे सर्वोच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता राम जेठमलानी ने संवाददाताओं से कहा, "हमने दलील दी है कि हमें न्याय नहीं मिलेगा। अदालत ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है और सोमवार को अपना आदेश पारित कर सकती है।"
अपनी अर्जी में लालू प्रसाद ने चारा घोटाले से संबंधित मामला संख्या आरसी 20/96 को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के न्यायाधीश प्रभाष कुमार सिंह की अदालत से स्थानांतरित करने की मांग की है। उन्होंने दावा किया है कि इस अदालत के न्यायाधीश जनता दल (युनाइटेड) के नेता और बिहार के शिक्षा मंत्री पी.के. शाही के रिश्तेदार हैं और फैसले पर मंत्री की रिश्तेदारी का रंग चढ़ सकता है। उधर चारा घोटाले से संबंधित आरसी 20ए/96 में रांची की सीबीआई अदालत में सुनवाई पूरी हो चुकी है।
प्रवास कुमार सिंह की सीबीआई अदालत ने 20 जून को इस मामले में फैसला सुनाने के लिए 15 जुलाई की तारीख तय की है। अदालत ने मामले के सभी 45 आरोपियों को फैसला सुनाए जाने के समय अदालत में हाजिर रहने के लिए कहा है। यह मामला झारखंड के चाइबासा कोषागार से 37.70 करोड़ रुपये की फर्जी निकासी से संबंधित है। इस मामले के 45 आरोपियों में बिहार के दो पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद और जगन्नाथ मिश्र भी शामिल हैं। लालू प्रसाद को 1997 में तब मुख्यमंत्री पद से त्यागपत्र देना पड़ा था, जब उनका नाम चारा घोटाले की सीबीआई जांच में सामने आ गया था।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें