सरकार ने गुरुवार को कहा कि अध्यादेश लाने की जगह सरकार खाद्य सुरक्षा विधेयक को संसद के विशेष सत्र में पारित कराने की एक बार और कोशिश करेगी। केंद्रीय मंत्रिमंडल की यहां हुई एक बैठक के बाद केंद्रीय वित्त मंत्री पी. चिदम्बरम ने संवाददाताओं से कहा, "हम इसे एक विधेयक के रूप में पारित कराना चाहेंगे, लेकिन अध्यादेश संस्करण भी तैयार है। हम विपक्षी पार्टियों से एक बार और यह पूछने की कोशिश करेंगे कि क्या वे संसद के विशेष सत्र में विधेयक को पारित करना चाहते हैं या नहीं।"
उन्होंने कहा, "सदन (लोकसभा) के नेता, संसदीय मामलों के मंत्री और खाद्य मंत्री उनसे (विपक्ष से) सम्पर्क करेंगे और उनसे विधेयक को समर्थन देने के लिए अनुरोध करेंगे। मुख्य विपक्षी पार्टियों की प्रतिक्रिया के आधार पर विधेयक को संसद के विशेष सत्र में पारित किया जाएगा।" प्रस्तावित अध्यादेश के बारे में सवाल पूछे जाने पर चिदम्बरम ने कहा, "हमारी इच्छा है कि इसे संसद के विशेष सत्र में पारित कराया जाए और इसके लिए एक और कोशिश की जाए।"
इससे पहले खाद्य मंत्री के.वी. थॉमस ने यह संकेत दिया था कि खाद्य सुरक्षा विधेयक को प्रभावी बनाने के लिए सरकार अध्यादेश का रास्ता अपनाएगी। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी भी इस विधेयक के लिए जोर दे रही हैं। विधेयक में देश की लगभग 67 फीसदी आबादी को सब्सिडी दर पर अनाज देने का लक्ष्य रखा गया है। इस पर शुरू में करीब 1.3 लाख करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। 2014 के आम चुनाव से पहले इस विधेयक के पारित होने से कांग्रेस नेतृत्व वाले संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) को काफी लाभ मिलने की उम्मीद है।
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