विपक्षी पार्टियों के दबाव के बावजूद नेपाल की अंतरिम सरकार के प्रमुख खिलराज रेग्मी ने सर्वोच्च न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश पद से इस्तीफा देने से इनकार कर दिया है। रेग्मी 13 मार्च से ही दो पदों पर हैं। समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, कुछ विपक्षी पार्टियां चाहती हैं कि 19 नवंबर को होने वाले आम चुनाव के लिए बेहतर माहौल बनाने की खातिर रेग्मी को प्रधान न्यायाधीश के पद से इस्तीफा दे देना चाहिए। रेग्मी के इस्तीफे की मांग को लेकर एक मामला सर्वोच्च न्यायालय में दायर किया गया है।
सर्वोच्च न्यायालय में एक लिखित जवाब में रेग्मी ने गुरुवार को कहा कि संविधान में एक नया प्रावधान था कि प्रधान न्यायधीश ही सरकार का अध्यक्ष होगा। यदि वह प्रधान न्यायाधीश के पद से इस्तीफा दे देंगे तो सरकार के प्रमुख भी नहीं रहेंगे। इससे नई संवैधानिक जटिलता पैदा हो सकती है। रेग्मी ने अपने उत्तर में कहा कि ग्रीस, कनाडा और घाना के प्रधान न्यायाधीश कार्यकारी भूमिका निभा चुके हैं।
उल्लेखनीय है कि सर्वोच्च न्यायालय की एक पीठ ने रेग्मी से पूछा था कि वह दोनों पदों पर क्यों हैं। नेपाल की विपक्षी पार्टियों ने धमकी दी है कि यदि रेग्मी ने प्रधान न्यायाधीश के पद से इस्तीफा नहीं दिया तो वे चुनाव में हिस्सा नहीं लेंगी। विपक्षी मधेशी जनाधिकार फोरम-नेपाल, माओवादियों के एक अलग हुए धड़े और सोशलिस्ट पार्टी ने रेग्मी के इस्तीफे की मांग की है।

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