बटला हाउस एनकाउंटर पर आज अहम फैसला. - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।


सोमवार, 29 जुलाई 2013

बटला हाउस एनकाउंटर पर आज अहम फैसला.

बटला हाउस एनकाउंटर में आज सजा का ऐलान हो सकता है. साकेत कोर्ट ने शहजाद को इंस्पेक्टर मोहन चंद्र शर्मा की हत्या का दोषी माना है. दिल्ली पुलिस ने साफ किया है कि शहजाद के लिए ज्यादा से ज्यादा सजा की मांग करेगी. आज पूरे देश की निगाहें दिल्ली के साकेत कोर्ट पर टिकी हैं. अदालत को ये तय करना है कि बटला हाउस एनकाउंटर केस में दोषी करार दिए गए शहजाद अहमद को क्या सजा दी जाए.

बटला हाउस एनकाउंटर में साकेत कोर्ट ने गुरुवार को शहजाद अहमद को मुजरिम करार दिया था. अदालत ने शहजाद को इंस्पेक्टर मोहन चंद शर्मा की हत्या का दोषी माना है. साथ ही शहजाद को हेड कांस्टेबल बलवंत और राजबीर सिंह की हत्या की कोशिश का भी गुनहगार माना है. अदालत ने शहजाद को सरकारी काम में बाधा डालने के इरादे से पुलिसवालों पर हमला करने का भी दोषी माना है. अदालत ने शहजाद को आईपीसी की धारा 302, 307, 353, 186, 333, 34 और आर्म्स एक्ट के तहत मुजरिम करार दिया है.

पूरा मामला 19 सितंबर 2008 यानी दिल्ली धमाकों के 6 दिन बाद का है. स्पेशल सेल ने आतंकवादियों को पकड़ने के लिए बटला हाउस इलाके के फ्लैट एल-18 में दबिश दी थी. इस दौरान हुए एनकाउंटर में इंस्पेक्टर मोहनचंद शर्मा शहीद हुए थे, जबकि कुछ पुलिसवाले जख्मी हुए थे. एनकाउंटर में साजिद और आतिफ नाम के दो आतंकवादियों की मौत हो गई थी, जबकि शहजाद और जुनैद मौके से भाग निकलने में कामयाब रहा था. बाद में शहजाद को पुलिस ने आजमगढ़ से गिरफ्तार किया था, जबकि जुनैद अब तक पुलिस की गिरफ्त में नहीं आया है. बटला हाउस एनकांटर के बाद ये आरोप भी लगाए जा रहे थे मुठभेड़ फर्जी थी लेकिन साकेत कोर्ट के फैसले के बाद ये साफ हो गया कि एनकाउंटर फर्जी नहीं था.

कोई टिप्पणी नहीं: