नरकटियागंज (बिहार) की खबर (02 जुलाई) - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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मंगलवार, 2 जुलाई 2013

नरकटियागंज (बिहार) की खबर (02 जुलाई)

कीचड़ युक्त सड़के व बजबजाती नालियाँ बनी शहर की पहचान: प्रदीप

नरकटियागंज, स्थानीय शहर की सफाई व्यवस्था को लेकर नगर पार्षद पति और उप सभापति के बीच तकरार होते देखा गया। नगर परिषद नरकटियागज के वार्ड संख्या 15 के माननीया पार्षद के पति प्रदीप साह नें उपसभापति कन्हैया अग्रवाल से कहा कि आपलोगों के रहते शहर में कचरा का अंबार लगा है और लोग नाक पर रूमाल रख गुजरने को विवश है। वार्ड के लोग नगर पार्षद से इस संबंध मंे पूछते है तो नगर कि निर्वाचित पार्षद निरूत्तर हो जा रहे है। उधर उप सभापति ने कहा कि वित्तीय प्रभार नहीं मिलने के कारण ऐसा हो रहा है। नगरवासियों ने कहा कि शहर का बाॅबकैट की खराबी के बाद उसकी मरम्मत में कम से कम 15 से 17 हजार रूपये खर्च किये गये, इसके लिए रूपये का इंतेजाम कहाँ से हुआ। ये मामला सिर्फ वार्ड नम्बर 15 तक सीमित नहीं है अलबत्ता करीब सभी वार्ड की नालियों की सफाई नहीं हो सकी है। कीचड़युक्त सड़के व बजबजाती नालियाँ शहर की पहचान बन गयी है। अब बरसात पूर्व नालियों की सफाई नहीं हुई तो बरसात के मौसम में नालियों की सफाई कराना कहां की बुद्धिमानी होगी।

मारपीट मंे एक घायल

नरकटियागंज, स्थानीय शिकारपुर थाना के धुमनगर में परिवार के सदस्यों के बीच आपसी तकरार ने हिंसक रूप लिया जिसमें सुरेन्द्र साह घायल हो गया। बताते है कि सुग्रीव साह और उसकी पत्नी कौशल्या देवी ने पुष्पा देवी के साथ गाली-गलौज प्रारम्भ किया। उसके बाद सुरेन्द्र ने अपनी पत्नी का पक्ष लिया तो सुग्रीव ने अपने भाई सुरेन्द्र को चाकू से गोद कर बुरी तरह जख्मी कर दिया। सुरेन्द्र के बांये हाथ में जख्म ज्यादा है। सुरेन्द्र को लेकर सरकारी अस्पताल की ओर भागे। हालाकि समाचार लिखे जाने तक मामला शिकारपुर थाना मे दर्ज नहीं किया जा सका है।

सदा के लिए रूक गयी कलम, नहीं रहे "अश्क"

नरकटियागंज, स्थानीय शहर के वरीय संवाददाता व साहित्यकार ब्रजकिशोर “अश्क” का निधन पटना में इलाज के दौरान हो गया। ब्रजकिशोर अश्क काफी संघर्षशील व्यक्ति रहे, अपनी लेखनी से समाज को झकझोरने वाले अश्क की कलम सदा के लिए रूक गयी। प्रारंभिक दौर में उन्होंने काफी परिश्रम किया, शुभ लक्ष्मी मार्केट मंे एक छोटी से घडी मरम्मत की दूकान से अपनी आजीविका चलाकर, पत्रकारिता के क्षेत्र में कदम बढाया और बुलन्दियों की मंजील पर चढे। वे हिन्दी साहित्य परिषद, आर्य युवक परिषद से जुडे़ रहे। वे सरस सलिल, आउट लुक, सार्वदेशिक आर्य प्रतिनिधि सभा और जनज्ञान जैसे पत्रिका के लिए लेखन करते रहे, पत्रकारिता में अपरदन के पर्याय बने। वे दैनिक हिन्दुस्तान में नरकटियागंज से आजीवन संवाद प्रेषण करते रहे।  अपनी पत्नी, दो पुत्र, तीन पुत्रियों में एक पुत्री की विवाह कर चुके परिवार को स्व.अश्क अपने पिता शिवजी प्रसाद के कंधो पर छोड़ गये हैं। उनके पिता श्री प्रसाद ने कहा कि ईश्वर ने मुझे क्यों रखा, मेरे सामने मेरे पुत्र की अर्थी उठेगी क्या इसी दिन के लिए ईश्वर ने जीवित रखा है। स्थानीय पत्रकार, संवाददाता, बुद्धिजीवियों व समाजिक कार्यकर्ता व राजनीति से जुडे़ लोगों ने उनकी मृत्यु पर शोक व्यक्त किया है।



(अवधेश कुमार शर्मा)

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