नक्सलवाद की समस्या से निपटने के लिए केन्द्र सरकार माओवाद प्रभावित जिलों में विकास एवं कल्याण वाली पहल को मजबूती देने के मकसद से 1000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त मदद अलग से मुहैया करायेगी। केन्द्रीय मंत्रिमंडल द्वारा कल इस बारे में निर्णय किये जाने की संभावना है। सूत्रों ने बताया कि अतिरिक्त केन्द्रीय सहायता पिछड़ा क्षेत्र अनुदान कोष का हिस्सा नहीं होगी। बीआरजीएफ के लिए इस साल पिछड़े जिलों में विकास मुद्दों से निपटने के लिए बढ़ी हुई राशि मुहैया करायी गयी है।
माओवादी प्रभावित जिलों के लिए अतिरिक्त केन्द्रीय सहायता 100 प्रतिशत अनुदान आधारित होगी और इसके तहत 82 समन्वित कार्य योजना जिलों को कवर किया जायेगा। एक सूत्र ने बताया, प्रति वर्ष 1000 करोड़ रुपये की राशि मुहैया करायी जायेगी। इसमें 2013.14 से 2015.17 की अवधि के लिए कुल 400 करोड़ रुपये की जरूरत पड़ेगी।
सूत्र ने बताया कि कोष को प्रति जिला पांच करोड़ रुपये की निर्धारित राशि के आधार पर दिया जायेगा तथा शेष राशि को क्षेत्रफल एवं आबादी के आधार पर दिया जायेगा। अधिकारियों के अनुसार संयुक्त कोष की उपलब्धता से जिला स्तरीय समिति उन परियोजनाओं को पूरा कर सकेगी जो स्थानीय लोगों की फौरी आवश्यकता हैं तथा जिनसे वाम चरमपंथ प्रभावित जिलों में महत्वपूर्ण आधारभूत ढांचे के विकास में मदद मिलेगी। इस योजना के तहत शामिल किये जाने वाले जिलों की संख्या पर सीमा निर्धारित की जायेगी। मौजूदा 82 जिलों के अलावा इसमें किसी नये जिले को शामिल नहीं किया जायेगा।
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